होली 2021: जानें दहन का शुभ मुहूर्त और पर्व का महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होली का त्यौहार मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 28 मार्च रविवार को है। इस दिन होलिका दहन किया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा पर भद्रा रहित प्रदोष काल में होली दहन को श्रेष्ठ माना गया है।
होली की पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति होती है। होली के दिन होलिका पर हल्दी का टीका लगाना चाहिए, एक लौटा जल चढ़ाना चाहिए और सात बार होलिका की परिक्रमा करनी चाहिए। आइए जानते हैं होली का महत्व और पूजा का मुहूर्त...
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परिक्रमा महत्वपूर्ण
होलिका पूजा और दहन में परिक्रमा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि परिक्रमा करते हुए अगर अपनी इच्छा कह दी जाए तो वो सच हो जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि होलिका दहन के दिन सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। होली की बची हुई अग्नि और भस्म को अगले दिन सुबह अपने घर ले जाने से सभी नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है।
मुहूर्त
तिथि आरंभ: 28 मार्च, रात 03 बजकर 27 मिनट से
तिथि समापन: 29 मार्च, रात 12 बजकर 17 मिनट तक
होलिका दहन मुहूर्त: 28 मार्च शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक
भद्रा पूंछ: 28 मार्च सुबह 10 बजकर 13 मिनट से 11 बजकर 16 मिनट तक।
भद्रा मुख: 28 मार्च सुबह 11 बजकर 16 मिनट से दोहपर 13 बजे तक।
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महत्व
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन की जाने वाली पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। पूर्णिमा का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है। इस दिन होलिका का विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए। इस दिन भगवान नरसिंह की पूजा करनी चाहिए। पूर्णिमा का व्रत जीवन में सुख शांति और समृद्धि लाने वाला माना गया है।
Created On :   25 March 2021 6:20 AM GMT