Mesh Sankranti 2025: जानिए इस दिन का महत्व, पितृ दोष से मुक्ति के लिए इन चीजों का करें दान

- सूर्य हर राशि में एक महीने रहते हैं
- सालभर में कुल 12 संक्रान्ति होती हैं
- मेष हिंदू वर्ष की पहली संक्रान्ति है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का काफी महत्व है और ज्योतिष में 12 राशियों का। सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है और सूर्य का राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों को प्रभावित करता है। सूर्यदेव एक-एक करके इन राशियों में प्रवेश करते हैं और हर राशि में करीब एक महीने तक रहते हैं। इस तरह सालभर में 12 संक्रान्ति होती हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मेष संक्रान्ति (Mesh Sankranti) कहा जाता है।
मेष संक्रान्ति को हिंदू वर्ष की पहली संक्रान्ति कहा जाता है, जो कि इस वर्ष 14 अप्रैल 2025, सोमवार को पड़ रही है। इसी दिन से खरमास की समाप्ति हो जाती है और इसी के साथ शुभ काम की शुरुआत हो जाती है। यह दिन काफी महत्वपूर्ण होता है और पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन कुछ चीजों का दान किया जाना चाहिए।
मेष संक्रांति का महत्व
इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि, ऐसा करने से आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इसके अलावा सूर्य से जुड़ी सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं। वहीं जब आप इस दिन शुभ समय में दान- पुण्य करते हैं तो इसका आपके जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ता है।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
मेष संक्रांति पर पितृ दोष से परेशान लोगों को इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष कम होता है। साथ ही इस दिन सत्तू, बेल का फल, पंखा, आम का टिकोरा और घड़े में जल भरकर दान कर सकते हैं।
इस खास दिन जातक को सूर्यास्त से पहले सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। आप चाहें तो गायत्री मंत्र का अधिक से अधिक जाप कर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इससे भी आपको लाभ मिलेगा।
शुभ कार्यों की शुरुआत
सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की समाप्ति हो जाती है। खरमास को खराब समय माना जाता है, जिसमें शुभ कार्य नहीं किए जाते और जब इसकी समाप्ति होती है तो शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं। मेष संक्रांति के साथ विवाह, मुंडन, पूजा और अन्य मांगलिक कार्य एक बार फिर शुरू हो जाएंगे।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   14 April 2025 5:11 PM IST