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एससीएसटी एक्ट के अपराध में नहीं हो सकता समझौता,आवेदन खारिज
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने एक निर्णय में कहा है कि एससीएसटी एक्ट में समझौता नहीं किया जा सकता है। इस अभिमत के साथ जस्टिस जेपी गुप्ता की एकल पीठ ने बरेला में छेड़छाड़ की शिकार किशोरी और उसके पिता के आवेदन को खारिज कर दिया है। अभियोजन के अनुसार बरेला थाना अंतर्गत वर्ष 2016 में एक किशोरी के छेड़छाड़ के आरोप में अमित रजक, सुनील काछी, सूरज कुशवाहा, संजय पटेल, उमेश कुशवाहा और प्रकाश पटेल के खिलाफ एससीएसटी एक्ट और छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किया गया था।
इस मामले में किशोरी और उसके पिता की ओर से आवेदन दायर कर कहा गया कि उनका आरोपियों के साथ समझौता हो गया है। समझौता होने के आधार पर आरोपियों के खिलाफ जबलपुर की अतिरिक्त सत्र न्यायालय में विचाराधीन एससीएसटी एक्ट और छेड़छाड़ के प्रकरण को समाप्त किया जाए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने आवेदन खारिज करते हुए कहा कि एससीएसटी एक्ट के प्रकरणों में समझौता नहीं हो सकता है। एकल पीठ ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
आदेश के बाद भी क्यों नहीं की गई आरटीआई की अपील निराकृत
हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संयुक्त संचालक एसयू खान को अवमानना नोटिस जारी कर पूछा है कि आदेश के बाद भी आरटीआई की अपील की निराकरण क्यों नहीं किया गया । जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। रीवा निवासी प्रदीप मिश्रा की ओर से दायर अवमानना में कहा गया कि ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि उन्होंने आरटीआई के तहत आवेदन दायर कर रीवा के टीआरएस कॉलेज में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की जानकारी मांगी थी, लेकिन टीआरएस कॉलेज ने जानकारी नहीं दी। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग में अपील दायर की गई। उच्च शिक्षा विभाग ने भी जानकारी नहीं दी। इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका में दायर की।
Created On :   4 Sept 2019 1:58 PM IST