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पोर्न मूवी मामला: बच्ची को बचाने वाली शिक्षिका का आरोप, अधिकारी आरोपी शिक्षक को बचाने में जुटे हैं
डिजिटल डेस्क, सीधी। शिक्षक द्वारा छात्रा को मोबाइल पर पोर्न मूवी दिखाने के मामले में स्थानांतरण से दण्डित की गई शिक्षिका ने आरोप लगाया है कि जिस छात्रा को विद्यालय में प्रताड़ित किया गया, जिसने प्रताड़ना के चलते परीक्षा नहीं दी और पढ़ाई भी बंद कर दी उसकी किसी ने खोज खबर नही ली है। DEO और BEO ने सारा ध्यान प्रताड़ित बच्ची को बचाने वाली शिक्षिका को हटाने में लगाया है। दोषी शिक्षक को कार्रवाई से साफ-साफ बचा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि शासकीय आदर्श कन्या हाई स्कूल में छात्राओं को पोर्न मूवी दिखाने वाले शिक्षक के साथ शिक्षिका अजीता द्विवेदी का भी स्थानांतरण कर दिया गया है। स्थानांतरण के बाद शिक्षिका ने कहा कि उसने शिक्षिका होने के नाते अपना फर्ज निभाया और छात्राओं को ऐसे दुष्ट शिक्षक से बचाने के लिए पूरी ताकत लगाई। किंतु आरोपी शिक्षक को बचाने के लिए जिम्मेदारों ने उसे ही दोषी ठहरा दिया और इस मामले को शिक्षकों की आपसी गुटबाजी का नाम देकर मामला दबा दिया।
उन्होंने कहा है कि बेटियों को बचाने पर उन्हें जो ईनाम मिला है वह उन्हें खुशी-खुशी स्वीकार है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को धन्यवाद भी दिया है। इसके साथ ही दु:ख व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस बच्ची को पोर्न मूवी दिखाई गई, उसी बच्ची को विद्यालय में प्रताड़ित किया गया। उस बिटिया ने परीक्षा नहीं दी और स्कूल में पढ़ना भी बंद कर दिया। इस पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं गया। उसके साथ क्या हुआ इस पर भी किसी ने विचार नही किया बल्कि सारा ध्यान बेटी को बचाने वाली शिक्षिका अजीता द्विवेदी को हटाने में लगा दिया गया। यहां होना यह चाहिए था कि बच्चियों को न्याय मिलता दोषियों को सजा मिलती पर हुआ उल्टा। बच्ची के पक्ष में न्याय की गोहार लगाने वाली शिक्षका का ही स्थानान्तरण कर दिया गया।
इस मामले में मीडिया, प्रशासन और बेटियों की सुरक्षा को लेकर अभियान चलाने वाली सरकार भी अपने आंखों में पट्टी बाधें अन्याय होते हुए देखती रही। फिलहाल BEO के जिस प्रतिवेदन पर शिक्षिका को दोषी ठहराते हुए DEO ने स्थानांतरण का आदेश जारी किया था, उसी दिन से यह माना जाने लगा था कि प्रमुख दोषी को बचाने के लिए शिक्षिका को भी मामले में लपेटा जा रहा है। पोर्न मूवी दिखाने की बात जांच में सच पाए जाने के बाद भी शिक्षक को स्थानांतरण के अलावा कोई दूसरा दण्ड नहीं दिया गया है। राजनीतिक दवाब में अधिकारियों ने भी मामूली कार्रवाई कर फाइल को ठण्डे बस्ते में डाल दिया है।
Created On :   15 Jun 2018 1:21 PM IST