लोकसभा चुनाव 2024: पहले था सोशलिस्ट पार्टियों का कब्जा, अब है बीजेपी का गढ़, जानिए सीधी सीट का चुनावी इतिहास
- सीधी सीट पर 2009 से लगातार जीत रही है बीजेपी
- कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अर्जुन सिंह का है यह गृह संसदीय क्षेत्र
- कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल पिछले बार रीति पाठक से हारे थे चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में सीधी सीट भी शामिल है। इस सीट पर पहले चरण में चुनाव होने जा रहे हैं। सीधी लोकसभा सीट तीन जिलों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें सीधी और सिंगरौली जिला शामिल है। जबकि, शहडोल जिले का कुछ हिस्सा ही इसमें शामिल है। राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो 1952 में यहां पहले आम चुनाव हुआ था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह का परिवार भी यहीं से आता है। शुरुआती दौर में यहां सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा था। फिर कांग्रेस ने अपना दबदबा बनाया। साल 1998 के चुनाव में इस सीट से चुनाव हारने के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी यहां कमजोर होती रही। इसी दौरान यह सीट बीजेपी का गढ़ बना। आज हम आपको सीधी लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास के बारे में बताएंगे।
सीधी लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
आजादी के बाद साल 1952 में सीधी सीट पर पहले आम चुनाव हुए। पहले आम चुनाव में किसान प्रजा मजदूर पार्टी के उम्मीदवार राधामन सिंह यहां से पहले सांसद के रूप में निर्वाचित हुए। 1957 में सोशलिस्ट पार्टी ने यहां से चुनाव जीता और भगवान दत्त शास्त्री सांसद निर्वाचित हुए। 1962 में सीधी सीट से कांग्रेस पार्टी ने पहला चुनाव जीता और आनंद चंद्र जोशी सांसद निर्वाचित हुए। दो बार लगातार 1967 और 1971 में यहां से निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता। इस दौरान 1967 में भानु प्रकाश सिंह और 1971 में रामबहादुर सिंह सांसद निर्वाचित हुए।
आपातकाल के बाद जनता पार्टी ने जमाया कब्जा
आपातकाल हटने के बाद साल 1977 में लोकसभा चुनाव हुए। इस बार यहां से जनता पार्टी ने चुनाव जीता और सूर्य नारायण सिंह सांसद बने। तीन साल बाद 1980 में कांग्रेस पार्टी ने वापसी की और मोतीलाल सिंह सांसद बने। मोतीलाल सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने अगला आम चुनाव भी लड़ा। 1984 में कांग्रेस पार्टी ने फिर चुनाव जीता और मोतीलाल दोबारा सांसद निर्वाचित हुए।
बीजेपी की एंट्री
साल 1989 के आम चुनाव में बीजेपी ने पहली बार सीधी लोकसभा सीट से चुनाव जीता। इस बार जगननाथ सिंह सांसद बने। हालांकि, कांग्रेस ने दो साल बाद 1991 में हुए आम चुनाव में जीत दर्ज कर वापसी कर ली और मोतीलाल सिंह फिर सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद कांग्रेस ने 1996 में भी चुनाव जीता और तिलक राज सिंह सांसद बने।
बीजेपी का दौर शुरू
साल 1998 का चुनाव जीतने के बाद सीधी लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की पकड़ मजबूत होती गई। केवल साल 2007 के उपचुनाव को छोड़ दें तो हर बार बीजेपी ने बाजी मारी है। इस दौरान 1998 में सीधी सीट पर जगननाथ सिंह ने बीजपी की वापसी कराई और दोबारा सांसद निर्वाचित हुए। एक साल बाद 1999 में फिर लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें फिर एक बार बीजपी की जीत हुई। इस बार चंद्र प्रताप सिंह सांसद बने। इसके बाद 2004 में भी चंद्र प्रताप सिंह बीजेपी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए। फिर 2007 में उपचुनाव हुए, जिसमें बीजपी को हार मिली और कांग्रेस प्रत्याशी मानिक सिंह सांसद निर्वाचित हुए। हालांकि, दो साल बाद ही 2009 के आम चुनाव में बीजेपी ने वापसी कर ली। बीजेपी ने लगातार तीन चुनाव साल 2009, 2014 और 2019 में जीत हासिल की। इस दौरान 2009 में गोविंद प्रसाद मिश्रा और 2014 के अलावा 2019 में रीति पाठक सांसद निर्वाचित हुईं।
क्या रहा पिछले चुनाव का नतीजा?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रीति पाठक को सीधी लोकसभा सीट से दोबारा चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह राहुल को चुनावी मैदान में उतारा। चुनावी नतीजों में बीजेपी प्रत्याशी रीति पाठक ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह राहुल को 2 लाख 86 हजार 524 वोटों से हराया था। इस दौरान रीति पाठक को कुल 6 लाख 98 हजार 342 वोट और अजय सिंह राहुल को 4 लाख 11 हजार 818 वोट मिले।
इस बार ये नेता चुनावी मैदान में
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी ने सीधी लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने सीधी से इस बार डॉ राजेश मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि, पहले चरण में मध्य प्रदेश की जिन 6 लोकसभा सीटों में चुनाव होना है। उनमें सीधी सीट का नाम भी शामिल है।
Created On :   12 April 2024 6:30 PM IST