पॉलिसी पहुँचने पर पता चला खाते से राशि डेबिट कर टाटा एआईजी का बीमा कर दिया ​​​​​​​

On reaching the policy, Tata debited the amount from the detected account.
पॉलिसी पहुँचने पर पता चला खाते से राशि डेबिट कर टाटा एआईजी का बीमा कर दिया ​​​​​​​
बीमित का आरोप: हमारे साथ की गई जालसाजी पॉलिसी पहुँचने पर पता चला खाते से राशि डेबिट कर टाटा एआईजी का बीमा कर दिया ​​​​​​​

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अब बीमा नहीं कराने वालों के बैंक अकाउंट से जबरन राशि निकालने का गोलमाल किया जा रहा है। खाताधारक के घर पॉलिसी पहुँचने के बाद खुलासा होता है कि उनके नाम से पॉलिसी जनरेट की गई है। खाताधारक जब बैंक में जानकारी लेने पहुँचता है तो बैंक अधिकारी भी सही जवाब नहीं दे रहे हैं और उनके खाते से डेबिट की गई राशि को भी वापस नहीं दिला रहे हैं। परेशान होकर आम लोग बीमा कंपनी में संपर्क कर रहे हैं, पर बीमा अधिकारी भी किसी तरह का सहयोग नहीं दे रहे हैं। बीमितों का आरोप है कि बीमा कंपनियाँ व बैंक अधिकारियों द्वारा मिलकर हमारे साथ जालसाजी की जा रही है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

बैंक मैनेजर से मिलकर बीमा कंपनी कर रही गोलमाल

दमोह सिविल वार्ड नंबर पाँच निवासी संजय कुमार चौबे ने अपनी शिकायत में बताया कि उसका सेंट्रल इंडिया बैंक में खाता है। उनके अकाउंट से बिना अनुमति लिए राशि डेबिट कर दी गई। राशि डेबिट किए जाने का खुलासा उनके घर पॉलिसी पहुँचने पर हुआ। उन्होंने चैक किया तो पता चला कि हजारों रुपए की राशि अकाउंट से टाटा एआईजी कंपनी में ट्रांसफर कर दी गई है और उसके बदले बीमा कंपनी द्वारा बीमा किया गया है। संजय ने तुरंत ही बैंक में एक पत्र देकर राशि क्रेडिट करने के लिए निवेदन किया, तो बैंक अधिकारियों ने यह कह दिया की आपको बीमा कंपनी से संपर्क करना पड़ेगा।

संजय ने बीमा कंपनी से संपर्क किया तो उनके द्वारा कहा गया कि आपकी पॉलिसी लॉगिंग हो गई इसलिए हम आपकी राशि वापस नहीं कर सकते हैं। पीड़ित का कहना है कि जब हमारी अनुमति ली ही नहीं तो कैसे हमारी राशि से बीमा किया गया है। बीमित लगातार पत्राचार कर रहा है, पर जिम्मेदार अधिकारी राशि वापस देने से इनकार कर रहे हैं। परेशान होकर पीड़ित ने न्याय की गुहार लगाई है। बीमित का आरोप है कि उसके साथ बैंक व बीमा कंपनी के अधिकारियों द्वारा गोलमाल किया गया है।

 

Created On :   29 Nov 2022 5:34 PM IST

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