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तलाब से मृत मछलियां निकालने के लिए जुगाड़ की नाव का इस्तेमाल, अब उठेगा इस रहस्य से पर्दा!
डिजिटल डेस्क, नासिक। मिनरल वॉटर की बोतलों से तैयार जुगाड़ की नांव का इस्तेमाल तलाब से सैंकड़ों मृत मछलियां बाहर निकालने के लिए किया गया। इसके बाद मछलियों के सैंपल जांच के लिए लैंब भेजे जाएंगे, तांकि इस बात से पर्दा उठाया जा सके कि त्र्यंबकेश्वर के तालाब में हजारों की तादाद में मछलियां कैसे मृत पाई गईं। हालांकि इसे लेकर सोमवार को नगर पालिका प्रशासन ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। साथ ही महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल को सूचित किया है। जिसके बाद मंडल ने मृत मछलियों के सैंपल कब्जे में ले लिए। हालांकि इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई खुलासा हो सकेगा।
जुगाड़ की नाव के इस्तेमाल से तालाब की सफाई
संगम घाट पर भक्तों का तांता लगा रहा, जो विधी विधान से पूजन में जुटे रहे, लेकिन मृत मछलियों की बदबू से उन्हें खासी परेशानी महसूस हुई। मछलियों की दुर्गंध मंदिर परिसर और आसपास फैल गई थी। नतीजतन नगर पालिका प्रशासन ने तालाब की सफाई शुरु कराई। हालांकि इस दौरान जिस जुगाड़ की नाव का इस्तेमाल किया गया। वो आकर्षण का केंद्र रही। जब्कि इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए था कि जुगाड़ की नाव पूरी तरह सुरक्षित है कि नहीं। लेकिन इस सवाल से बेखबर मछुआरों ने नाव की मदद से मृत मछलियों को पानी से बाहर निकालकर अपना काम पूरा कर किया।
नगर प्रशासन ने माना मामला गंभीर
गौतमी तालाब में बड़े पैमाने पर अचानक मछलियां मृत होने की घटना गंभीर है। नगराध्यक्षा तृप्ती धारणे ने कहा कि यदि तालाब में जहरीली दवा मिलाई होगी, तो एसे में दूसरे तालाबों को भी खतरा पहुंचने की संभवना है। उधर लोगों का कहना है कि एक महीने पहले इंद्रतीर्थ तालाब की मछलियां भी मृत पाई गई थी। जिसकी जानकारी मिलने के बाद भी नगर पालिका प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। यदि उस वक्त मामले को गंभीरता से लिया गया होता, तो गौतम तलाब की घटना टाली जा सकती थी। इसके साथ ही वहां सीसीटीवी लगाने की भी मांग की गई।
Created On :   18 Sept 2017 10:06 PM IST