भोपाल से आए जेडी ने पकड़ी गड़बड़ी, 40 लाख की धान का कराया आनलाइन रिजेक्शन
डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले के धान खरीदी में सिंडिकेट भले ही सबको पाक बताने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन भोपाल से आए संयुक्त संचालक शशांक मिश्रा के निरीक्षण में व्यापक गड़बड़ी मिली। खाद्य विभाग के अधिकारियों सहित इन्होंने सात केन्द्रों का ही निरीक्षण किया। यहां पर प्रभारी करीब 40 लाख की नान एफएक्यू धान खरीदी के लिए रखी हुई थी। 25 किसानों का 200 क्विंटल धान इन्होंने ऑनलाइन रिजेक्शन किया। इधर प्रशासन की टीम ने वेयर हाउस, खरीदी केन्द्र और राइस मिलर्स के यहां सोमवार को दबिश दी। कार्यवाही की भनक रविवार को ही खरीदी से जुड़े बिचौलियों को मिल चुकी थी।
जिसके चलते राजस्व, फूड और अन्य विभागों के अफसर सुबह से लेकर शाम तक जरुर मैदान में पसीना बहाए, लेकिन उन्हें कहीं पर अनियमितता नहीं मिली। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के खरीदी केन्द्रों की भी जांच हुई। सेंट्रल वेयर हाउस में ट्रक क्रमांक एमपी 42 जी 1787 में 130 क्विंटल धान के मामले में कुठला थाना ने तीन लोगों के विरुद्ध धारा 420, 418, 511,120 बी और 34 के तहत मामला कायम किया है। इसमें ट्रक चालक कामता प्रसाद सहित मां स्वसहायता समूह की अध्यक्ष माधुरी पाठक, खरीदी प्रभारी रजनी पटेल को दोषी माना गया है। यहां पर रविवार देर रात औचक निरीक्षण में केन्द्र के अंदर दलालों की धान ट्रक में मिली थी। मैहर से लाकर यहां पर धान खपाने की तैयारी रही कि इसकी जानकारी कलेक्टर को लग गई। जिसके बाद यह मामला उजागर हुआ।
हर जगहों पर मिली मनमानी
सात में से छह जगहों पर इन्हें मनमानी मिली। जिसके बाद खरीदी केन्द्र में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को इन्होंने फटकार भी लगाई। बहोरीबंद खरीदी केन्द्र में एक किसान, केवलारी में दस किसान, ढीमरखेड़ा में नौ किसान, हदरहटा के दोनों खरीदी के न्द्र में चार किसानों की उपज शासन के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नहीं रही। यह स्थित तब है,जब प्रत्येक केन्द्रों के लिए नोडल अधिकारी और यहां पर गुणवत्ता जांचने के लिए टीम ने सर्वेयरों की भी नियुक्ति की है।
यहां पर पहुंचे अफसर, नहीं मिली खामियां
शहर के तीन जगहों पर सोमवार को जांच हुई। तीनों जगहों पर अधिकारियों ने जांच के बाद खरीदी केन्द्र को क्लीन चिट दे दी है। सेंट्रल वेयर हाउस खरीदी में तहसीलदार एसनएन त्रिपाठी, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी बालेन्दु शुक्ला, संतोष नंदनवार के साथ अन्य अधिकारी शामिल रहे। अन्नपूर्णा वेयर हाउस खरीदी केन्द्र की भी जांच करने अधिकारी पहुंचे। यहां पर गंगा स्वसहायता समूह के द्वारा खरीदी की जा रही है। यहां पर 15 सौ बोरी धान मिली। पूछताछ में यह धान किसानों का बताया जा रहा है। इसी तरह से पीजी वेयर हाउस में दो खरीदी केन्द्र स्थापित हैं। जिसमें से एक जगह पर सीता एसएचची तो दूसरी जगह पर विपणन सहकारी समिति खरीदी कर रही है। यहां पर धान की करीब 500 बोरियां मिलीं। कांटी के मारुति राइस मिल की भी जांच हुई। एसडीएम मंहेश मंडलोई ने बताया कि स्टॉक का सत्यापन किया गया। किसी तरह की गड़बड़ी सामने नहीं आई।
क्लीन चिट के बाद भी भण्डारण पर रोक
इधर खरखरी के वेयर हाउस खरीदी केन्द्र में संचालक और समूह के बीच 9 दिसम्बर का विवाद खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग भोपाल में संचालक के पास पहुंचा हुआ। जांच में गोदाम मालिक को क्लीन चिट मिलने के बाद भीधान के भण्डारण पर लगी रोक नहीं हटाई गई। अमन वेयर हाउस के संचालक प्रतिभा मिश्रा और प्रखर वेयर हाउस के संचालक पूजा पटेल ने अधिकारी के नाम लिखे शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि विवाद के दिन उनके कर्मचारी शांत तरीके से वेयर हाउस में बैठे हुए थे।
बोरियों में कम वजन लिए जाने पर जब उनके कर्मचारियों ने आपत्ति जताई तो विवाद हुआ। इस विवाद के बाद जहां खरीदी केन्द्र निरस्त कर दिया गया है। वहीं वेयर हाउस के भण्डारण में भी रोक लगा दी है, जबकि जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि इसमें उनकी किसी तरह की गलती नहीं है। इसके बावजूद राजनैतिक दबाव में दोनों वेयर हाउस में भण्डारण का काम रोक दिया गया है।
Created On :   3 Jan 2023 3:03 PM IST