बीमित की दोनों किडनी खराब फिर भी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी नहीं दे रही क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हमारी कंपनी पॉलिसी जनरेट होते ही सारे लाभ देना शुरू कर देती है। अस्पताल पहुँचने पर कैशलेस कार्ड दिखाते ही पूरा फ्री इलाज मिलता है। 24 घंटे व सातों दिन किसी भी वक्त मेल करने पर इलाज कराने की कैशलेस स्वीकृति भी बीमा कंपनी देती है। कई तरह के दावे-वादे बीमा कंपनियों के द्वारा किए जाते हैं पर जब पॉलिसीधारक को सही में जरूरत होती है तो उन्हें लाभ नहीं दिया जाता है। लाभ देने के नाम पर बीमित को चक्कर कटवाए जाते हैं। अब तो यह स्थिति हो गई है कि बीमा कंपनियाँ अपने पॉलिसीधारकों से प्रीमियम लेने के बाद स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी तो दूर की बात है कैशलेस कार्ड भी नहीं भेज रही हैं। ऐसी स्थिति में बीमा कराने वाले आम लोग पॉलिसी होने के बाद भी कैशलेस इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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डायलिसिस कराने का कैशलेस नहीं कर रहे टीपीए अधिकारी -
मप्र जबलपुर धनवंतरी नगर निवासी राजेन्द्र कुमार तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा लिया है। पॉलिसी क्रमांक 4505013422040000015 का कैशलेस कार्ड भी बीमा कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराया गया था। यह पॉलिसी आठ साल से चल रही है। पॉलिसी लेने के दो साल बाद बीमित बीमार हो गया था। चैक कराने के बाद खुलासा हुआ कि दोनों किडनी में इंफेक्शन हो गया है और डायलिसिस कराना होगा। बीमित लगातार अपना इलाज कराता रहा। बीमित ने बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए मेल किया तो बीमा कंपनी के टीपीए अधिकारियों ने यह कहते हुए कैशलेस देने से मना कर दिया कि आपको बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। बीमित ने इलाज के बाद बिल सबमिट किए थे पर आज तक उसे बीमा कंपनी के द्वारा क्लेम नहीं दिया गया। यह एक बिल में नहीं, बल्कि चार बार इलाज के लिए भर्ती हुए बीमित के चारों बिल आज तक न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के टीपीए के द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। जब भी संपर्क किया जाता है तो यह जवाब मिलता है कि बिलों का परीक्षण किया जा रहा है और परीक्षण के बाद भुगतान किया जाएगा। अब तो जिम्मेदार क्लेम के मामले में किसी तरह का जवाब भी नहीं दे रहे हैं। पीड़ित का आरोप है कि टीपीए अधिकारियों के द्वारा आम लोगों को परेशान किया जा रहा है।
Created On :   1 April 2023 5:05 PM IST