पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने पर पति को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

Husband gets 10 years rigorous imprisonment for forcing wife to commit suicide
पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने पर पति को 10 वर्ष का सश्रम कारावास
दहेज के लिए करता था प्रताडि़त, न्यायालय ने सुनाया फैसला पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने पर पति को 10 वर्ष का सश्रम कारावास


डिजिटल डेस्क सीधी। दहेज की लालच में पत्नी को आत्महत्या के लिये मजबूर करने वाले पति को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रृंखला न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश आरती कतरौलिया की अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास व अलग-अलग धाराओं मे पॉच-पॉच सौ रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। घटना तीन वर्ष पूर्व 9 सितम्बर 2019 को हुई थी।
न्यायालय द्वारा सुनाये गये फैसले की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी कमलेश वैश्य पिता रामराज वैश्य उम्र 22 वर्ष निवासी रघुनाथपुर थाना रामपुर नैकिन का विवाह रीनू वैश्य के साथ वर्ष 2018 में हिन्दूृ रीति रिवाज के अनुसार हुआ था। मृतका की मॉ ने अपनी हैसियत के अनुसार 2 लाख रूपए नगद के साथ जेवरात व घरेलू सामग्री देकर विदा किया था लेकिन आरोपी कमलेश के अलावा मृतका के ससुर रामराज वैश्य, पिता रामचन्द्र वैश्य उम्र 43 वर्ष सास श्रीमती गीता वैश्य पति रामचन्द्र वैश्य तीनो निवासी रघुनाथपुर एक लाख रूपए और लाने का दबाव देते हुए उत्पीडि़त करने लगें। पति, सास, ससुर के उत्पीडन की जानकारी मृतका रीनू वैश्य ने अपने माता व भाई को देती रही। मृतका के मायके पक्ष के लोगों ने आरोपीगणों को समझाते बुझाते रहे लेकिन वे प्रताडऩा देने से बाज नही आते रहे। लगातार प्रताडि़त हो रही रीनू वैश्य 5 सितम्बर 2019 को अपने पति के कमरे मे फांसी के फंदे में झूृल कर जान दे दी थी। अपर लोक अभियोजन के अनुसार मृतका 8 महिने की गर्भ से थी व 5 सितम्बर को रात के करीब 10.30 पर सबको भोजन पानी कराने के बाद खुद भोजन कर अपने कमरे में सोने चली गयी थी और परिवार के लोग बाजू वाले कमरे मे सो रहे थें। 6 सितम्बर को सुबह कलुइया उठी और रीनू के कमरे के पास जाकर आवाज दी लेकिन वह उठ नही रही थी। शिकायतकर्ता रामराज वैश्य की पत्नी गीता ने बताया कि रीनू दरबाजा नहीं खोल रही जब वह पहुॅचा और दरवाजे मे धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया और सामने जो दृश्य था सभी को अचंभित कर दिया। बताया गया कि मृतका अपने साड़ी को ही अपने मौत का हथियार बना कर फॉसी के फन्दे पर झूल रही थी। तब उक्त घटना की सूचना रामपुर नैकिन थाना को दी गयी जहॉ पुलिस ने जॉच पड़ताल के बाद तीनो आरोपियों के विरूद्ध धारा 304 बी, 498ए, 34 भादंसं 1860 एवं धारा 3/4 दहेज प्रतिशेष अधिनियम दर्ज कर सुनवाई के लिये न्यायालय मे पेश किया गया। जहॉ 39 विन्दुओ पर चर्चा के पश्चात आरोपी रामराज वैश्य एवं श्रीमती गीता वैश्य को इस आधार पर दोष मुक्त कर दिया गया कि दोनो आरोपियों ने अपने बेटे की समग्र आईडी अलग घोषित होने का प्रमाण पेश कर दिया था वहीं विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी कमलेश वैश्य का अपराध प्रमाणित होने पर धारा 304बी मे दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 498ए में दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है वहीं धारा 3 एवं धारा 4 दहेज प्रतिशेष अधिनियम 1961 का अपराध प्रमाणित होने पर 6/6 माह के सश्रम कारावास, पॉच-पॉच सौ रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि के व्यतिक्रम होने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास के सजा भुगताये जाने का फैसला सुनाया है।

Created On :   24 Oct 2021 8:53 PM IST

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