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किसानों को डेढ़ माह बाद भी नहीं मिली गेहू़ं के बोनस की राशि - बकाया हैं 36 करोड़
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। जिले में समर्थन मूल्य पर नागरिक आपूर्ति निगम को 2.26 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेच चुके 37 हजार से अधिक किसानों को गेहूं बेचने के डेढ़ महीने बाद भी मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि (बोनस) का भुगतान पैसा नहीं मिला है। किसान आए दिन नागरिक आपूर्ति निगम से लेकर सहकारी बैंक के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनके बैंक खातों में 36 करोड़ रुपए जमा होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। नागरिक आपूर्ति निगम ने मार्च से जून तक 37824 किसानों से 22 लाख 26 हजार 824 क्विंटल गेहूं की खरीद की। खरीद के समय 1840 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया था। इस आधार पर नागरिक आपूर्ति निगम ने 409 करोड़ 73 लाख 56 हजार 160 रुपए का गेहूं किसानों से खरीदकर सरकार के गोदामों में भर दिया। लेकिन किसानों को गेहूं खरीदी के डेढ़ महीने बाद तक मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों का कहना है कि उन्हें सुनने को तो मिला है कि मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि के तहत किसानों को 160 रुपए प्रति क्विंटल के मान से गेहूं खरीदी का पैसा मिलेगा, लेकिन शासन से इस संंबंध में अभी तक कोई आदेश उनके कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है।
आचार संहिता का बहाना
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का बहाना लेकर शासन ने इस बार गेहूं के समर्थन मूल्य के अलावा किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देने के आदेश जारी नहींं किए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बाद में आदेश जारी किए कि समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 160 रुपए प्रति क्विंटल के मान से पैसा दिया जाएगा लेकिन आदेश के बाद नागरिक आपूर्ति निगम ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को बजट मंजूर नहीं किया। अब तक प्रोत्साहन राशि किसानों के न मिल पाने के किसानों को जो कारण गिनाए जा रहे हैं उनमें नागरिक आपूर्ति निगम और जिला सहकारी बैंक द्वारा यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि गेहूं खरीदी के दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी होने के कारण प्रदेश सरकार प्रोत्साहना राशि का बजट जारी नहीं कर पाई है। अब इसकी प्रक्रिया चल रही है।
बजट का अभाव मुख्य कारण
जिले के किसानों को गेहूं खरीदी का नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 409 करोड़ 73 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। यह भुगतान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से हुआ है। लेकिन प्रोत्साहन राशि न आने के पीछे मुख्य कारण बजट का अभाव माना जा रहा है। सहकारिता मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो गेहूं खरीदी की प्रोत्साहन राशि के लिए प्रदेश सरकार के पास फिलहाल बजट नहीं है। बजट न होने के कारण प्रोत्साहन राशि किसानों को नहीं मिल पा रही है। मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो प्रक्रिया बेहद तेजी से चल रही है और जुलाई माह के आखिरी तक या अगस्त के प्रथम सप्ताह तक किसानों के खाते में गेहूं की प्रोत्साहन राशि पहुंच जाएगी।
इनका कहना है
गेहूं के लिए मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि में प्रत्येक क्विंटल पर 160 रुपए का भुगतान किए जाने की घोषणा की गई थी। यह राशि कब तक आएंगी और कितनी आएगी इसका न तो अभी तक मुझे इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से कोई पत्र प्राप्त हुआ है और न ही राशि कितनी आएगी इसकी कोई जानकारी मिली है। जिले में 37 हजार 824 किसानों ने 22 लाख 26 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं नागरिक आपूर्ति निगम को दिया गया है। एसके रावत महाप्रबंधक कापरेटिव बैंक
Created On :   20 July 2019 1:23 PM IST