क्रेशर खदानों में विस्फोट से रेलवे लाईन को खतरा,  500 मीटर दायरे में चल रही क्रेशर खदानें

Danger in railway lines due to explosion in crusher mines
क्रेशर खदानों में विस्फोट से रेलवे लाईन को खतरा,  500 मीटर दायरे में चल रही क्रेशर खदानें
क्रेशर खदानों में विस्फोट से रेलवे लाईन को खतरा,  500 मीटर दायरे में चल रही क्रेशर खदानें

डिजिटल डेस्क, हरपालपुर। गिट्टी पत्थर के लिए संचालित हो रही क्रेशर खदानों में नियमों को ताक की जा रही ब्लास्टिंग रेलवे लाईन के लिये बड़ा खतरा बन सकती हैं। दरसल जिस जगह पर स्टोन क्रेशरों द्वारा पत्थर खदानों में खनन किया जा रहा है वहीं पास से झांसी मानिकपुर रेलवे लाईन निकली हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं। खदानों में मनमाने तरीके पत्थर निकालने ने लिये की जाने वाली ब्लास्टिंग से आसपास का समूचा इलाका हिल जाता हैं विस्फोट की  धमक 6 किलोमीटर दूर हरपालपुर तक सुनी जा सकती हैं।वही ब्लास्टिंग के छोटे पत्थर के टुकड़े झांसी मानिकपुर रेल्वे लाईन पर गिरते हैं ,जिससे कभी बड़ा हादसा हो सकता हैं । इस सब के बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा कई मर्तबा की गई शिकायतों के बाद भी  इन क्रेशर संचालकों पर सख्त कार्यवाही करने की जिला प्रशासन हिम्मत नहीं जुटा सका । पर्यावरण एवं खनिज विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुये क्रेशर संचालकों ,द्वारा बेरोकटोक इनका संचालन किया जा रहा हैं।

लगते हैं भूकंप जैसे झटके

थाना क्षेत्र के अंतर्गत सरसेड़ में खसरा नम्बर 4201 पर स्टोन क्रेशर प्लांट लगे हुए साथ ही पत्थर की खदानें हैं। खदानों के पास से ही रेलवे लाइन गुजरती हैं। पास में ही स्टोन क्रेशर संचालित हो रहे हैं। क्रेशर संचालनों द्वारा खनिज नियमों को ताक पर रख खदानों में ब्लास्टिंग की जा रही हैं। खदानों में होने वाली ब्लास्टिंग से पत्थर रेलवे लाईन के आसपास गिरते हैं कभी रेलवे लाईन पार कर  जाते हैं।  ट्रेन निकलने के दौरान भी इन खदानों में ब्लास्टिंग का सिलसिला चलता रहता हैं। पूर्व  में लोगों की  शिकायतों पर नौगॉव एसडीएम बीबी गंगेले ने इन क्रेशर संचालकों के खिलाफ खानापूर्ति की कार्यवाही की गई थी। जिस के बाद क्रेशर संचालकों द्वारा लगातार खदानों में ब्लास्टिंग कर लोगों की जान खिलवाड़ कर रहे हैं । खदान में 100 से 150 मीटर ब्लास्टिंग की जा रही हैं। खदानें खनन इतनी गहरी हो गई की उनमें पानी निकल आया हैं। इतनी नीचे जमीन में ब्लास्टिंग होने से आसपास के लोग भूकंप जैसे झटके महसूस करते हैं ।

रास्ता कर दिया बंद 

क्रेशर संचालकों द्वारा नियमानुसार न तो वृक्षारोपण किया गया न ही क्रेशर तीनो ओर बॉउंड्री का निर्माण कराया गया साथ ही डस्ट उडऩे से रोकने के लिये कोई कारगर कदम नहीं उठाए जिस आसपास की खेती ज़मीन बंजर हो रही हैं ।  ब्लास्टिंग से तीन गॉवो को जुड़ने वाला रास्ता लगभग बंद हो गया है जिससे ग्रामीण अब रेल्वे लाईन से हो कर आते जाते है।

Created On :   17 July 2019 5:12 PM IST

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