- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- छतरपुर
- /
- सड़क पर घायल पड़े युवकों को कलेक्टर...
सड़क पर घायल पड़े युवकों को कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचाकर बचाई जान, तमाशबीन बने थे लोग

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। सागर रोड ढड़ारी के पास हुए एक सड़क हादसे में दो युवक घायल हो गए। हादसे के बाद दोनों युवक बेहोशी की हालत में सड़क पर पड़े रहे पर किसी ने उनकी मदद करने की जहमत नहीं उठाई। इसी दौरान कलेक्टर मोहित बुंदस जटाशंकर धाम से वापस आ रहे थे। जब उन्होंने सड़क पर भीड़ देखी तो कार रुकवाकर मौके पर पहुंच कर देखा तो दो युवक बेहोशी की हालत में खून से लतपथ सड़क पर पड़े हुए हैं। कलेक्टर ने तत्काल ही दोनों युवकों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की,और एंबुलेंस बुलवाकर दोनों युवक भगवान दास पुत्र पूरन रैकवार उम्र 21 वर्ष, नन्दू पुत्र कंछेदी रैकवार को जिला अस्पताल पहुंचाया। खुद भी जिला अस्पताल पहुंच गए। चिकित्सकों को बुलाकर दोनों युवकों का इलाज शुरु करवाया।
वीडियो बनाने व फोटो खींचने में व्यस्त रहे लोग
जिस जगह पर हादसा हुआ वहां पर आसपास के लोगों और राहगीरों की भीड़ लगी हुई थी। जितने भी लोग वहां पर मौजूद रहे सभी लोग घायलों की मदद करने के बजाय फोटो खींचने में व्यस्त रहे। भला हो कलेक्टर मोहित बुंदस का कि वे वहां से गुजर रहे थे और तत्काल ही दोनों युवकों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया।
डाक्टरों से पूछते रहे हालचाल
बेहोशी की हालत में दोनों युवकों को अस्पताल पहुंचाने के बाद कलेक्टर खुद अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में मौजूद चिकित्सक सुषमा खरे, सीएमओ डॉ विजय पथौरिया, सिविल सर्जन डॉ आरएस त्रिपाठी से कलेक्टर दोनों युवकों की हालत के बारे में पूछते रहे क्योंकि वे अपने सगे भाई को सड़क हादसे में खो चुके हैं। अस्पताल में वे एक ही बात बार- बार लोगों से बोल रहे थे घायलों को कुछ होना नहीं चाहिए हर हाल में उन्हें बचाया जाए।
मानवता भूल गए लोग
हादसे के दौरान घायल दोनों युवकों को कलेक्टर ने पहले अपनी कार में बैठाने का प्रयास किया, लेकिन जगह कम होने के कारण दोनों लोग नहीं बने तो उन्होंने सड़क पर चलते वाहनों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन कई वाहन उनकी आंखों के सामने से निकल गए और रुके नहीं। उसके बाद गार्ड ने बीच सड़क पर खडे होकर एक ट्रैक्टर को रुकवाया फिर दोनों युवकों को ट्रैक्टर से अस्पताल लाया जा रहा था। तभी रास्ते में एंबुलेंस मिली फिर दोनों युवकों को एंबुलेंस से अस्प्ताल पहुंचाया गया। सवाल ये उठ रहा है कि लोग मानवता के नाते भी घायलों की मदद के लिए आगे नहीं आए।
घायलों की मदद की अपील
सड़क हादसे में घायल युवकों की मदद के लिए लोगों के आगे न आने पर कलेक्टर ने दुख व्यक्त करते हुए अपील कि है कि जब भी कोई सड़क हादसे में घायल हो तो कम से कम उसकी मदद के लिए लोग आगे आए। कलेक्टर बुंदस ने कहा कि व्यक्ति थोड़ी सी मानवता दिखाते हुए घायलों की मदद कर उन्हें इलाज उपलब्ध कराने में सहयोग करें तो न केवल उनकी जिंदगी बच जाती है बल्कि एक परिवार पर पूरी जिंदगी के लिए आने वाला संकट टल जाता है। किसी भी घर के व्यक्ति कि जब असमय मौत हो जाती है तो उसका परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से टूट जाता है। ऐसे में हमें हरसंभव मदद करना चाहिए।
Created On :   13 Aug 2019 1:09 PM IST