मध्यान्ह भोजन खाकर 71 बच्चे बीमार ,नाराज अभिभावकों ने स्कूल में जड़ दिया ताला
डिजिटल डेस्क,रीवा। शासकीय प्राथमिक शाला रामपुर बालक एवं कन्या शाला में मध्यान्ह भोजन खाने के बाद लगभग 71 बच्चे बीमार पड़ गए। खाना खाने के थोड़ी देर बाद बच्चों ने उल्टियां करनी शुरू कर दी। उनके पेट में दर्द होने लगा। जानकारी मिलते ही बच्चों को 108 एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। मामला नईगढ़ी ब्लॉक अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक शाला रामपुर बालक एवं कन्या का है। मौके पर पहुंचे प्रशासन ने शेष बचे खाने को सीज कर भोजन के सैम्पल ले लिये हैं, जिसे जांच के लिए लेबोरेटरी भेजा जाएगा।
स्कूल में जड़ा ताला, प्राचार्य निलंबित
विषाक्त भोजन से बच्चों के बीमार होने से नाराज अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया। प्राचार्य पर कार्रवाई की मांग करते हुए अभिभावकों ने कहा कि सही मॉनिटरिंग ना होने की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। अभिभावकों के आक्रोश को देखते हुए अंतत: जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य को निलंबित कर दिया।
खाना खाने के बाद होने लगी उल्टियां
बताया गया है कि रामपुर में बालक एवं कन्या प्राथमिक शाला संचालित है। जहां कन्या शाला में 66 और बालक में 72 बच्चे पढ़ते हैं। दोपहर डेढ़ बजे के आसपास बच्चों को खाना दिया गया। मध्यान्ह भोजन के रूप में दाल-चावल दिया गया। बच्चों ने जैसे ही दाल-चावल परोसा गया। खाना खाने के थोड़ी देर बाद बच्चों को उल्टियां होने लगीं। कुछ बच्चों के पेट में दर्द शुरू हो गया। जैसे ही स्कूल के शिक्षकों को इसकी जानकारी हुई उन्होंने आनन-फानन में एम्बुलेंस 108 बुलाकर बीमार बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नईगढ़ी ले गए। इसके पूर्व कुछ बच्चों के परिजन भी बीमार होने की सूचना मिलते ही स्कूल पहुंच गए और बच्चों के साथ वे अस्पताल भी गए। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि खाना खाने के बाद बच्चों की हालत क्यों बिगड़ गई। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों स्कूलों में जय मंा संतोषी समूह द्वारा मध्यान्ह भोपाल का संचालन किया जाता है। यह समूह सुनीता सोंधिया के नाम पर है। मध्यान्ह भोजन खाने के बाद एक साथ इतनी अधिक संख्या में बच्चों के बीमार पडऩे की सूचना थोड़ी ही देर में जिले में पहुंच गई। मऊगंज एसडीएम अरविंद झा, तहसीलदार सहित पुलिस भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच गई। स्वास्थ्य केन्द्र में बच्चों का उपचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य केन्द्र में कन्या एवं बालक स्कूल के 71 बच्चों को लाया गया जबकि खाना 100 से अधिक बच्चों ने खाया था। बच्चों ने जो खाना खाया, वह खराब था या फिर उसमें कोई जहरीला जीव गिर गया था, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि तहसील प्रशासन का इस संबंध में कहना है कि भोजन में जहरीला जीव गिरने से स्थिति और खराब होती। दरअसल या तो भोजन पूरी तरह नहीं पक पाया था या फिर जिस बर्तन में भोजन बनाया गया था वह बर्तन खराब था जिसकी वजह से यह स्थिति निर्मित हुई। शाम 7 बजे तक उपचार के बाद 70 बच्चों को घर भेज दिया गया जबकि एक बच्ची की हालत गंभीर होने की वजह से उसे संजय गांधी चिकित्सालय रीवा के लिए रेफर कर दिया गया।
भोजन सीज, सेम्पल के लिए भेजा
मध्यान्ह भोजन खाकर बच्चों के बीमार पडऩे के बाद प्रशासन ने बचे हुए भोजन को सीज कर दिया और उसका सेम्पल लेकर खाद्य विभाग को भेज दिया है जहां से उसे जांच के लिए लेबोट्री भेजा जाएगा। इसके अलावा जिस समूह द्वारा आज भोजन का वितरण किया गया था उसे भी आगामी आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।
बच्चें ने कहा खाने में दवाई की महक
मध्यान्ह भोजन खाने के बाद बीमार हालत में स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे बच्चों ने कहा कि दाल-चावल कड़वा नहीं था, लेकिन खाने में दवाई जैसी महक आ रही थी।
Created On :   25 July 2019 3:09 PM IST