पी-20 सम्मेलन: एक विभाजित विश्व मानवता के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता - मोदी

एक विभाजित विश्व मानवता के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता - मोदी
  • जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन
  • उद्घाटन भाषण में बोले मोदी
  • विभाजित विश्व मानवता के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद को मानवता के विरूद्ध एक बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि आज दुनिया के अलग-अलग कोनों में जो कुछ भी घट रहा है, उससे कोई भी अछूता नहीं है। इजरायल संकट की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि संघर्ष और टकराव से भरी दुनिया किसी के हित में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि एक विभाजित दुनिया मानवता के समक्ष आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि सभागार में आयोजित जी-20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों (पी-20) के 9वें शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने मानवता के सामने जो चुनौती पेश की है, उसका समाधान बंटी हुई दुनिया नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है, यह सबके विकास और खुशहाली का समय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लगभग 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को निशाना बनाया थ। उस समय संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादियों की मंशा सांसदों को बंदी बनाने और उन्हें खत्म करने की थी। दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद कितनी बड़ी चुनौती है।

‘सभी संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है पी-20 सम्मेलन’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन विश्व भर के सभी संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत उसके लोग और उनकी इच्छाशक्ति होती है और यह शिखर सम्मेलन उसी के आयोजन का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि पी-20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर हो रहा है, जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। विश्व भर की विभिन्न संसदों के प्रतिनिधियों के रूप में प्रधानमंत्री ने बहस और विचारविमर्श के महत्व को रेखांकित किया और अतीत मंे हुई ऐसी बहसों के सटीक उदाहरणों का उल्लेख किया। उन्होंने प्रतिनिधियों को संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के हाल के निर्णय की जानकारी भी दी।

भारत की अध्यक्षता गौरव का विषय : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह अत्यंत गौरव का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 लीडर समिट में नई दिल्ली डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि ये वैश्विक चुनौतियों पर जी-20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पी-20 सम्मेलन लोकतांत्रिक मूल्यों, अंतर्राष्ट्रीय संयोग तथा वैश्विक महत्व के विषयों एवं समकालीन चुनौतियों के समाधान से साझा संसदीय प्रयासों के लियए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बिरला ने कहा कि लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है। जी-20 में पारित एजेंडे को यथार्थ बनाने में संसदें मिलकर काम करेंगी।

Created On :   13 Oct 2023 8:05 PM IST

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