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आदेश: संभाजीनगर पीठ ने उदासी मठ की जमीन खाली करने के राजस्व मंत्री के आदेश पर लगाई रोक
धनराज भारती, नांदेड़ । संभाजीनगर खंडपीठ ने नांदेड़ शहर के प्रमुख स्थान पर हिंगोली गेट रोड पर तहसील कार्यालय के पास उदासी मठ भूमि के रूप में जानी जाने वाली करोड़ों रुपये की जमीन को खाली करने के राजस्व और वन मंत्री द्वारा पारित आदेश पर रोक लगा दी है। इससे राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है।
उदासी पंथ के पास शहर के हिंगोली गेट के पास पांच एकड़ जमीन है। तोताराम उदासी और उनके शिष्यों की भूमि जमीन पर उक्त उदासी संप्रदाय के लोगों का कब्जा है। उदासी संप्रदाय के वृद्ध लोगों की समाधि भी यहीं है। नांदेड़ में एक राजनेता ने राजनीतिक बल का प्रयोग करते हुए जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भेजकर जमीन के दस्तावेज दाखिल करने को कहा था। तोताराम उदासी के शिष्य गण लाेेगाे काेे मंजीत सिंह करीम नगर वाले ने हैदराबाद और नांदेड़ राज्य की जमीन का पीआर कार्ड और अन्य पुराने दस्तावेज इकट्टा करके दिये । दस्तावेज तोताराम उदासी के माध्यम से 2007 में संभाजीनगर के भूमि अधिग्रहण आयुक्त को सौंपे गए थे।
उक्त दस्तावेजों की जांच करने और हैदराबाद संस्थान और नांदेड़ के दस्तावेज पीआर कार्ड और पुराने दस्तावेजों को देखने के बाद, संभाजीनगर के भूमि अधिग्रहण आयुक्त ने कहा कि, जमीन तोताराम उदासी और उनके शिष्यों की है, ऐसा आदेश पारित किया गया। उक्त आदेश के खिलाफ जिला प्रशासन ने मंत्री स्तर पर अपील की थी और तत्कालीन सरकार ने अनुचित तरीके से आदेश पारित कर पीआर कार्ड पर नाम हटाकर सरकार को उक्त जमीन पर कब्जा करने का आदेश दिया था। उस आदेश को संभाजीनगर पीठ में चुनौती दी गयी। तदनुसार न्यायालय द्वारा उपरोक्त आदेश पारित किया गया है। नांदेड़ में एक नेता पर राज्य सरकार की गाज गिरी है। एड गणेश गाडे ने याचिकाकर्ता की ओर से कार्रवाई की और मंनजीतसिंह करीम नगर वाले ने तोताराम उदासी और उनके शिष्यों को हैदराबाद राज्य और नांदेड़ से पुराने दस्तावेज दिलवाए। इसलिए इन सभी दस्तावेजों पर गंभीरता से विचार करने के बाद हाई कोर्ट ने उक्त मंत्री द्वारा दिए गए आदेश पर रोक लगा दी है।
Created On :   11 Nov 2023 1:45 PM GMT