आक्रोश: सचखंड गुरुद्वारा एक्ट 2024 में संशोधन मंजूर नहीं, अब बड़े आंदोलन की तैयारी में सिख

सचखंड गुरुद्वारा एक्ट 2024 में संशोधन मंजूर नहीं, अब बड़े आंदोलन की तैयारी में सिख
  • सचखंड गुरुद्वारा एक्ट 2024 का पुरजोर विरोध
  • सड़क पर होगा विरोध प्रदर्शन
  • अदालती लड़ाई की भी तैयारी
  • एक्ट में बदलाव कर सचखंड गुरुद्वारे पर कब्जे की तैयारी का आरोप

डिजिटल डेस्क, नांदेड़। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में सेवानिवृत्त जस्टिस भाटिया की रिपोर्ट को मंजूरी देकर राज्य सरकार ने सचखंड गुरुद्वारा एक्ट 2024 पारित कर दिया है। जिसके विरोध में देश विदेश के सिख अब बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सिखों का मानना है कि इस एक्ट से गुरुद्वारा साहिब का प्रबंध सीधे सरकार के हाथ जा सकता है। लिहाजा सचखंड गुरुद्वारे के पंच प्यारों सहित हजूरी सिख समुदाय ने कड़ा विरोध शुरु कर दिया है। साथ ही कानून के लागू होने पर गंभीर परिणाम होने चेतावनी दी है। विश्व प्रसिद्ध सचखंड गुरुद्वारा साहिब, दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह का स्थल, जहां से वे अलोप हुए थे। इस तख्त को सिखों की दक्षिण काशी माना जाता है। सोमवार 2 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस गुरुद्वारे का प्रबंधन करने वाले गुरुद्वारा बोर्ड अधिनियम 1956 को निरस्त कर सचखंड गुरुद्वारा अधिनियम 2024 को मंजूरी दे दी गई। इसके पहले गुरुमत्ता (संकल्प) दिनांक 21 जनवरी 2019 और 13 दिसंबर 2023 को पंचप्यारे साहिबान द्वारा पारित किया गया था और सरकार को भेजा गया था कि गुरुद्वारा बोर्ड 1956 में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। बोर्ड की पूर्व सदस्य, अध्यक्ष और हजूरी सिख संगत ने आरोप लगाते कहा है कि मौजूदा राज्य सरकार ने गुरुद्वारा बोर्ड एक्ट में बदलाव कर सचखंड गुरुद्वारे पर कब्जे की तैयारी कर ली है।


हजूरी सिख समाज ने 7 फरवरी 2024 को गुरुद्वारा बावली साहब में एक बैठक कर नए आने वाले गुरुद्वारा एक्ट 2024 का कड़ा विरोध किया। कड़ी चेतावनी गुरुद्वारा बोर्ड के अधीक्षक ठाण सिंघ बुंगई को ज्ञापन के माध्यम से दे दी गई है। गुरुद्वारा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शेर सिंघ फौजी, पूर्व सचिव रवींद्र सिंघ बुंगई, सदस्य राजेंद्र सिंघ पुजारी, मनप्रित सिंघ कुंजीवाले, गुरमित सिंघ महाजन, जर्नल सिंघ गाडीवाले, जगदीप सिंघ नंबरदार, महेंद्र सिंघ पैदल, तेजा सिंघ बावरी, हरभजन सिंघ दिगवा, गुरमीत सिंघ बेदी, किरपाल सिंघ हजुरिया, मनप्रित सिंघ कारागिर, दीपक सिंघ गल्लीवाले, गुरमीत सिंघ बेदी, जसबीर सिंघ धुपिया, जसपाल सिंघ लांगरी, रवींद्र सिंघ मोदी, रवींद्र सिंघपुजारी, दिलीप सिंघ रागी, भोला सिंघ गाडीवाले अमरजीत सिंघ पंजाब सिंघ गिल, दीप सिंघ, पुरण सिंघ, राजेंद्र सिंघ शाहू, हरभजन सिंघ पुजारी, गुरुदेव सिंघ रामगड़िया, गुरमीत सिंघ महाजन, महेंद्र सिंघ लांगरी, गुरुप्रीत सिंघ सोखी, अवतार सिंघ पहरेदार के हस्ताक्षर है।

नया नियम

गुरुद्वारा बोर्ड 1956 को खत्म करते हुए नए सचखंड गुरुद्वारा एक्ट 2024 में 12 सदस्य राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाएंगे, 3 लोग नियुक्त किए जाएंगे और 2 सदस्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर से होंगे। इसमें मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नागपुर और नासिक के सदस्य शामिल होंगे। इसका हजूरी सिख समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरुद्वारा तख्त सचखंड बोर्ड के एक्ट 1956 में संशोधन कर तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा अधिनियम 2024 लागू किया गया। इसके विरोध में सिख समाज की ओर से मोर्चा और बड़े आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को गुरुद्वारा साहिब के गेट नं. 1 से निकलकर गुरुद्वारा चौरस्ता, खालसा हल्ला बोल चौक मार्ग जिलाधिकारी कार्यालय पर जाकर आंदोलन में तब्दील होगा। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से शासन से संशोधन रद्द करने की मांग की जाएगी। आंदोलन शांतमई और लोकतांत्रिक पद्धति से किया जाएगा। इस आंदोलन की अगुवाई खुद संत बाबा बलविंदर सिंघ जी कार सेवा वाले करने जा रहे हैं।

Created On :   8 Feb 2024 5:06 PM GMT

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