मध्य प्रदेश: सामूहिक बलात्कार के दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा

मध्य प्रदेश: सामूहिक बलात्कार के दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। जिला न्यायालय राजगढ़ ने गुरूवार को बालिका से सामूहिक बलात्कार के दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई। लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रकरण न्याायलय के समक्ष आरोपियों ने बताया कि उन्होंने कोई घटना नही की गई है। आरोपियों का कहना था कि पीड़िता उन्हें पुरानी रंजिश के कारण झूठा फंसाते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई है। श्रीवास्तव ने बताया कि जांच के दौरान एकत्रित साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के सकारात्मक परिणाम के आधार पर दो आरोपीगण आभास (परिवर्तित नाम) और मोहन (परिवर्तित नाम) को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

उन्होंने बताया कि जिला न्यायालय राजगढ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अब्दुल कदीर मंसूरी राजगढ ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त आभास और मोहन (दोनों परिवर्तित नाम) को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव राजगढ ने की है।

दरअसल पीडि़त बालिका ने 19 अक्टूबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज की थी कि रात्रि 9 बजे अभियुक्त आभास (परिवर्तित नाम) व 2 अन्य लडके मोहन (परिवर्तित नाम) मुझे गाड़ी पर जर्बदस्ती बैठाकर ले गये और हाईवे के रास्ते से किसी अंधेरे स्थान पर झाडियों के पास ले जाकर आरोपियों ने बलात्कार किया। पीड़िता ने बताया कि तीसरा लडका जिसका नाम पीड़िता नही जानती थी वहां पर खडा था और यह देख रहा था कि कोई आ ना जाये। पीड़िता ने बताया कि मैने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, पर इन लोगों ने मुझे पकड़ रखा था उसके बाद मोहन (परिवर्तित नाम) ने मेरे साथ गलत काम करने की कोशिश की तो मैं उसे धक्का देकर उठी और दौड़ लगाकर चिल्लाती हुई भागी तो वह तीनों भी वहां से भाग गये, फिर में भागते-भागते एक ढाबे पर पहुंची। एक भैया ने मुझे पानी दिया और उन्होंने पुलिस को फोन लगाया। पुलिस मुझे थाने लेकर आई जहां पर मेरी मम्मी व बड़ी मम्मी आ गई मैने उन्हें पूरी घटना बताई।

छुपाते रहे अपना गुनाह

अभियोजक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रकरण में अभियुक्तगण द्वारा अपने बचाव में सारे हथकण्डे अपनाये गये किन्तु वह यह प्रमाणित करने में पूर्णत: असफल रहे कि उनके द्वारा पीड़ित बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया। उनके चंगुल से छूट कर रात्री 10 बजे पीडि़त बालिका ढाबे पर रात के समय क्यो गई ....साथ ही यदि उन्होंने घटना नहीं की थी तो पीड़िता के अंत: वस्त्रो पर अभियुक्त आभास (परिवर्तित नाम) के डीएनए प्रोफाइल केसे आ गए।

Created On :   9 Jun 2023 2:13 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story