मनमोहन ने उठाए अर्थव्यवस्था पर सवाल, सीतारमण बोली- धन्यवाद.. मैं उनकी बात सुनूंगी
- मनमोहन सिंह के सवालों पर सीतारमण का जवाब सामने आया है
- रविवार को चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बात कही है
- सीतारमण ने कहा सिंह के बयान पर मेरा कोई विचार नहीं है
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री रहे मनमोहन सिंह के देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाए जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है। वित्त मंत्री ने कहा, "उन्होंने जो कहा है उसपर मेरा कोई विचार नहीं है, उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है।" वित्त मंत्री ने रविवार को चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बात कही है।
सीतारमण ने कहा, क्या डॉ. मनमोहन सिंह कह रहे हैं कि "क्या उन्होंने कहा कि बदले की राजनीति को छोड़े और अर्थव्यवस्था को मानव-रचित संकट से बाहर निकलने के लिए सही सोच-समझ वाले लोगों से संपर्क करें? क्या उन्होंने ऐसा कहा है? ठीक है, धन्यवाद, मैं इस पर उनकी बात सुनूंगी। यही मेरा जवाब है।" बता दें कि मनमोहन सिंह ने कहा था, "अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है। जीडीपी का पांच फीसदी पर पहुंच जाना इस बात का संकेत है कि हम एक लंबी मंदी के भंवर में फंस चुके हैं।"
Finance Minister Nirmala Sitharaman on former PM Manmohan Singh"s remarks: Is Dr Manmohan Singh saying that "instead of indulging in political vendetta they should consult sane voices?" Has he said that? All right, thank you, I will take his statement on it. That is my answer. https://t.co/hkQ46ikLGt pic.twitter.com/Rr187L2oGE
— ANI (@ANI) September 1, 2019
जब बैंकों के विलय के फैसले के बारे में सीतारमण से सवाल किया गया, तो सीतारमण ने कहा, "किसी भी बैंक को बंद नहीं किया जाएगा। किसी बैंक को यह नहीं कहा गया है कि वो जो काम कर रहे हैं, उससे कुछ अलग करें। हालांकि हम बैंकों को काम करने के लिए और ज्यादा पूंजी मुहैया करवा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, बैंकों के विलय से किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र जीडीपी के आंकड़ों में गिरावट को अर्थव्यवस्था की सुस्ती के तौर पर देखता है? सीतारमण ने इस सवाल पर कहा, "मैं इंडस्ट्रीज से मिल रही हूं और उनके इनपुट्स ले रही हूं। सरकार से वे क्या उम्मीद कर रहे हैं और वह क्या चाहते हैं इस पर उनके सुझाव ले रही हूं। मैं उनका जवाब भी दे रही हूं। मैं पहले भी दो बार ऐसा कर चुकी हूं। मैं इसे आगे भी करूंगी।"
बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीजी ग्रोथ के आंकड़े जारी कि थे। चालू वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटकर 5% हो गई है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी। जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में जीडीपी 8.2% थी। साढ़े छह साल में ये इकोनॉमी की सबसे धीमी गति है।
Created On :   1 Sept 2019 11:15 AM GMT