नीरव मोदी का नोटबंदी कनेक्शन, चार गुना बढ़ गई थी ग्राहकों की संख्या
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016, वो दिन जब देश में नोटबंदी की गई थी। नोटबंदी के दौरान कई लोगों ने ब्लेक मनी को व्हाइट में बदलने के लिए ज्वैलर्स की मदद ली थी। अब खुलासा हुआ है कि डायमंड कारोबारी नीरव मोदी के ग्राहकों की संख्या में नोटबंदी के बाद चार गुना बढ़ोतरी हुई थी। इस खुलासे के बाद हीरा प्रेमी सेलिब्रिटी आयकर विभाग के रडार पर आ गए हैं। इसमे कांग्रेस नेताओं और उद्योगपतियों के भी नाम है।
86 से 340 हो गई थी नीरव के ग्राहकों की संख्या
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2015-16 में नीरव मोदी के ग्राहकों की संख्या 86 से बढ़कर साल 2016-17 में 340 तक पहुंच गई थी। एक प्राइवेट न्यूज चैनल के हाथ 650 से ज्यादा लोगों की लिस्ट हाथ लगी है, जिन्होंने पैन कार्ड के बिना नीरव मोदी के फर्म से करोड़ों की ज्वैलरी खरीदी थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के एक अधिकारी ने बताया, "यह पता कर पाना मुश्किल हो रहा है कि नीरव मोदी ने वास्तव में इन लोगों को हीरे बेचे थे या नहीं। पूछताछ के बाद ही इस बात का खुलासा हो सकता है। जिन्होंने पैन कार्ड की जानकारी नहीं दी है या काले धन का इस्तेमाल किया है उन सभी लोगों को नोटिस भेजा गया है।
कांग्रेस नेता और उद्योगपतियों के नाम
इस सूची में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री की बहू, अहमदाबाद की एक रियल एस्टेट कंपनी के मालिक, दोपहिया वाहनों के टायर बनाने वाली एक दिग्गज कंपनी के प्रमोटर सहित कई अन्य नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि बिना पैन कार्ड के 6 करोड़ की ज्वालरी खरीदी थी। वहीं सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री की बहू ने नीरव मोदी की फर्म से अकेले 12.85 करोड़ रुपये की जूलरी खरीदी। वह नीरव मोदी से नकद जूलरी खरीदने वाली सबसे बड़ी ग्राहक थीं।
8 नवंबर 2016 को की गई थी नोटबंदी
बता दें कि 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने रात 8 बजे देश की जनता को संबोधित किया था। पीएम मोदी के इस संबोधन से पूरे देश में खलबली मच गई थी। अपने इस संबोधन में मोदी ने भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। जनता से अपील की गई कि जिनके पास भी 500 और 1000 के नोट हैं वो उन्हें बैंकों में जमा करा दें।
Created On :   10 April 2018 9:58 PM IST