पिछले 5 वर्षों में विभिन्न एयरलाइनों द्वारा 2,613 तकनीकी गड़बड़ी रिपोर्ट की गई: सरकार
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- 613 तकनीकी गड़बड़ी रिपोर्ट की गई: सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले पांच वर्षों में देश में विभिन्न एयरलाइनों द्वारा कुल 2,613 तकनीकी खराबी की सूचना दी गई है, संसद में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो एयरलाइन 885 ऐसी घटनाओं के साथ सूची में सबसे ऊपर है, जबकि स्पाइसजेट और विस्तारा ने वर्ष 2018 और 2022 के बीच क्रमश: 691 और 444 तकनीकी खराबी संबंधी घटनाओं की सूचना दी। जबकि एयर इंडिया (फ्लीट ए) ने ऐसी 361 घटनाओं की सूचना दी, वहीं एयर इंडिया (फ्लीट बी) ने 38 तकनीकी गड़बड़ी की सूचना दी।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया- विमान में फिट किए गए घटकों/उपकरणों की खराबी के कारण एक विमान तकनीकी खराबी का अनुभव कर सकता है, जिसे निरंतर सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई परिवहन सेवा के लिए एयरलाइनों द्वारा सुधार की आवश्यकता होती है। इन तकनीकी खामियों की सूचना उड़ान के चालक दल द्वारा कॉकपिट में श्रव्य/²श्य चेतावनी प्राप्त करने या निष्क्रिय/दोषपूर्ण प्रणाली का संकेत मिलने पर या विमान के संचालन में कठिनाई का अनुभव होने पर दी जाती है।
मंत्री ने सदन को सूचित किया कि विमान की फ्लाइट रिपोर्ट बुक में फ्लाइट क्रू द्वारा खराबी दर्ज की जाती है और उड़ान पूरी होने के बाद, विनिमार्ता के विमान अनुरक्षण नियमावली (एएमएम)/समस्या निवारण नियमावली में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार विधिवत योग्य और टाइप रेटेड विमान रखरखाव इंजीनियर (एएमई) द्वारा इसकी जांच की जाती है। तत्पश्चात एएमएम में प्रक्रिया के अनुसार गड़बड़ी को ठीक किया जाता है और इसमें प्रतिस्थापन, परीक्षण, सर्विसिंग आदि शामिल हो सकते हैं। संतोषजनक सुधार के बाद, विमान को सेवा के लिए जारी किया जाता है और इस आशय की प्रविष्टि फ्लाइट रिपोर्ट बुक में की जाती है। बार-बार होने वाली खराबी/घटनाओं की रिपोर्ट के मामले में, यह एयरलाइन/ऑपरेटर की जिम्मेदारी है कि वह दोषों को कम करने के लिए ओईएम/निर्माता से संपर्क करें।
जवाब में कहा गया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भारत में उड़ान भरने के लिए विमान के जीवन को निर्दिष्ट करने वाले दिशानिर्देश निर्धारित नहीं किए हैं। विमान को उड़ान योग्य माना जाता है बशर्ते रखरखाव निर्माता द्वारा निर्धारित अनुमोदित कार्यक्रम के अनुसार हो। भारत में पंजीकृत विमान तब तक काम कर सकता है जब तक विमान के निरंतर संचालन के लिए निर्माता द्वारा रखरखाव समर्थन दिया जाता है, विमान को एक ऑपरेटर द्वारा संचालन से वापस लिया जा सकता है, अगर यह आर्थिक मरम्मत से परे हो या इसके पुजरें की अनुपलब्धता, आदि हो।
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Created On :   22 Dec 2022 8:01 PM IST