ई.वाहन: नीति आयोग ने दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माता कंपनियों से मांगा प्लान
- इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ठोस प्लान के एि कंपनियों को दो हफ्ते का समय
- दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित 15 शहरों में 14 शहर भारत के
- प्रदूषण समस्या दूर करने कंपनी उठाएं
- नहीं तो अदालतें हस्तक्षेप करेंगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नीति आयोग ने दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माता कंपनियों से दो हफ्तों में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ठोस प्लान मांगा है। इन कंपनियों को 2025 की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए बैटरी वाहनों को अपनाने के लिए उठाए जाने वाले ठोस कदमों के बारे में दो सप्ताह के अंदर सुझाव देने होंगे। शुक्रवार को नीति आयोग की ओर से मैन्युफैक्चरर्स और ई.वाहन बनाने वाली स्टार्टअप कंपनियों की बैठक में उद्योग को आगाह किया गया कि अगर वे प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए कदम नहीं उठाती हैं तो अदालतें हस्तक्षेप करेंगी।
बैठक में ये रहे मौजूद
इस बैठक में बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज, टीवीएस मोटर के को.चेयरमैन वी श्रीनिवासन, होंडा मोटरसाइकल और स्कूटर इंडिया के सीईओ एम कातो, ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल वी मेहता के अलावा नीति आयोग के वाइस.चेयरमैन राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत भी शामिल थे।
ट्विटर पर लिखा ये
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओद्ध अमिताभ कांत ने आयोग का प्रतिनिधित्व किया। कांत ने ट्विटर पर लिखा, देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को लेकर उद्योग के साथ चर्चा हुई। भारत वैश्विक स्तर पर विद्युत वाहनों की क्रांति की अगुवाई करने की ओर बढ़ रहा है। कांत के अनुसार बैठक में कुमार के अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव और भारी उद्योग सचिव भी शामिल हुए।
भारत की अदालतें हस्तक्षेप करेंगी
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, नीति या प्रारूप के अभाव में ई.वाहन को अपनाना संभव नहीं है। नीतियों को अस्पष्ट नहीं रखा जा सकता। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित 15 शहरों में 14 शहर भारत के हैं। ऐसे में सरकार और उद्योग की ओर से कदम नहीं उठाए गए तो भारत की अदालतें हस्तक्षेप करेंगी।
बेहतर रोड मैप तैयार किए जाएं
अधिकारियों ने कहा कि भारत पहले ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमी कंडक्टर क्रांति में पिछड़ चुका है। ऐसे में वह नहीं चाहेगा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति का मौका हाथ से निकले। यदि उद्योग जगत के बड़े नाम इस काम में आगे नहीं आते हैं तो स्टार्टअप्स इसे करेंगे। चीन में ऐसा हो भी चुका है। सरकार इस मामले को इंडस्ट्री के ऊपर थोपना नहीं चाहती है। वहीं ऑटो इंडस्ट्री बॉडीज एसआईएएम और एसीएमए ने सरकार को सुझाव दिया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को देश में लागू करने के लिए बेहतर रोड मैप बनाया जाए। साथ ही इसके लिए व्यवहारिक समयसीमा तय की जाए। इंडस्ट्री चेंबर सीआईआई ने सरकार से कहा कि इससे संबंधित गोल्स और टाइम लाइन तय करने से पहले सरकार को व्यापक स्तर पर चर्चा कर लेना चाहिए।
तिपहिया वाहनों को अपनाने का लक्ष्य
नीति आयोग ने 2023 तक पूरी तरह बैटरी से चलने वाले तिपहिया वाहनों को अपनाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा 2025 तक 150 सीसी तक के दोपहिया वाहनों को पूरी तरह बैटरी आधारित करने की योजना है। अधिकारी ने कहा कि भारत पहले ही इलेक्ट्रॉनिक क्रांति एवं सेमी.कंडक्टर क्रांति को अपनाने में चूक गया था। ऐसे में उसे ई.वाहन क्षेत्र में क्रांति के अवसर को नहीं गंवाना चाहिए। अगर स्थापित कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो स्टार्टअप कंपनियां ऐसा करेंगी। चीन में ऐसा पहले ही हो चुका है।
Created On :   22 Jun 2019 4:52 PM IST