वित्त वर्ष 2028 तक भारत का ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स उद्योग 10 अरब शिपमेंट को पार करेगा

रिपोर्ट वित्त वर्ष 2028 तक भारत का ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स उद्योग 10 अरब शिपमेंट को पार करेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-11 07:00 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई श्रेणियों, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांडों के साथ-साथ छोटे शहरों में निरंतर वृद्धि के साथ भारत के ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स उद्योग का वित्त वर्ष 2023 में कुल शिपमेंट 4 अरब तक पहुंच गया। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स स्पेस वित्त वर्ष 2028 तक 20 प्रतिशत की न्यूनतम चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) पर 10 अरब शिपमेंट से अधिक होने की राह पर है।

तीव्र प्रतिस्पर्धा के खतरों के बावजूद, दिल्लीवरी ई-लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में एक बड़े अंतर से सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के पार्टनर मृगांक गुटगुटिया ने कहा, ई-कॉमर्स/इंटरनेट क्षेत्रों में वित्त पोषण की बाधाओं के बावजूद, ई-लॉजिस्टिक्स खिलाड़ियों के लिए उच्च विकास के अवसर उपलब्ध हैं, चाहे वह डी2सी या बड़े सामान या गैर-ईकॉमर्स सेगमेंट में हों।

अगले कुछ वर्षों में सभी चैनलों के डी2सी ब्रांडों के कुल जीएमवी में 35 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें ब्रांड डॉट कॉम का इस वृद्धि में महत्वपूर्ण हिस्सा है। कैलेंडर वर्ष 2027 तक सभी चैनलों पर डी2सी ब्रांडों से कुल 33 अरब डॉलर का जीएमवी उत्पन्न होने की उम्मीद है।

गुटगुटिया ने कहा, जो कंपनी मांग को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए मजबूत क्षमताओं और पेशकशों का निर्माण करती हैं, वे इस चुनौतीपूर्ण समय में मौलिक रूप से अधिक मजबूत होंगी और लॉन्ग-टर्म बाजार हिस्सेदारी के लिए बेहतर स्थिति में होंगी।

सोर्सः आईएएनएस

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