स्वतंत्रता दिवस 2024: शाबाश आशुतोष....जिले के शहीद भाईयों को समर्पित किया अपना वीरता पदक

  • राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट आशुतोष वरदेय को वीरता पदक से सम्मानित किया
  • सहायक कमांडेंट आशुतोष की प्रारंभिक शिक्षा शहर के भारत भारती स्कूल में पूरी हुई
  • दुश्मनों को धूल चटाने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-14 16:21 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले की माटी के लाल सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट आशुतोष वरदेय को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों वीरता पदक से सम्मानित किया गया। आशुतोष ने यह सम्मान छिंदवाड़ा जिले के शहीद भाईयों को समर्पित किया है। उन्होंने अमर शहीद मेजर अमित ठेंगे, भारत यदुवंशी, विक्की पहाड़े और कबीरदास उईके को नमन कर कहा कि ये छिंदवाड़ा की माटी के वो शहीद है जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया। देश इनकी अमर शहादत का सदैव ऋणि रहेगा।

छोटी बाजार में रहने वाले स्वर्गीय पूर्ण सिंह वरदेय उर्फ सुक्कू भैया के पौत्र सहायक कमांडेंट आशुतोष की प्रारंभिक शिक्षा शहर के भारत भारती स्कूल में पूरी हुई। एनएसएस और एनसीसी का हिस्सा रहे आशुतोष ने कॉलेज डेनियलसन डिग्री कॉलेज से पूरा किया। साल 2003 में उन्होंने सीआरपीएफ में उप निरीक्षक के पद पर ज्वाइन किया था। साल 2009 में इनका चयन सहायक कमांडेंट के रूप में हुआ। जम्मू-कश्मीर के शोपिया जिले में पदस्थ आशुतोष को दुश्मनों को धूल चटाने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।

8 एनकाउंटर में 15 आतंकियों को मार गिराया

सीआरपीएफ की 178 वीं बटालियन शोपिया में तैनाती के दौरान आशुतोष ने 8 एनकाउंटर में 15 आतंकियों को मार गिराया था। साथ ही कुछ आतंकियों को भारी गोला बारूद के साथ जिंदा पकड़ा था। आशु ने 30 अगस्त 2022 की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जैनापोरा पुलिस स्टेशन के होशंगपुरा इलाके में आतंकियों के संदिग्ध मूवमेंट की खबर थी। हमने सर्च के दौरान एक घर को टारगेट कर घेरा था। अंदर से आतंकी अंधाधुंध फाइरिंग कर रहे थे। हम पेड़ के पीछे छिपे थे, आतंकियों की गोलियां पेड़ को छील रही थी। हम गोलियों से बचकर जमीन पर रैंगते हुए जब टार्गेट हाऊस तक पहुंचे तो दो आतंकी बाग की तरफ भाग रहे थे, उन्हें ढेर किया, फिर तीसरे को भी कुछ समय बार मार गिराया था।

दोस्तों ने कहा- बचपन से था देशभक्ति का जुनून

शहर में रहने वाले बचपन के दोस्त गोलू राजपूत, विनोद राजपूत, संजय सोनी, आकाश शर्मा, ओमप्रकाश राय, राजेश त्रिपाठी, नंदकिशोर उईके ने बताया कि आशु को बचपन से ही देशभक्ति का जुनून था। लोगों की मदद के लिए वह हमेशा तैयार रहता था। अब तक आशु को 10 से 12 अवार्ड मिल चुके हैं। अभी वर्तमान में वह श्रीनगर की सुरक्षा और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात हैं।

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