Panna News: कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जनजातीय कृषकों के लिए आयोजित किया गया प्रशिक्षण, उन्नत किस्म के बीज का किया वितरण

  • बटरी किस्म आईपीएफडी बीज बुवाई के लिए उपलब्ध कराया गया
  • फसल प्रबंधन के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई
  • डॉ. मोनिका सिंह तथा 50 जनजातीय कृषकों की उपस्थिति रही

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-20 13:33 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना द्वारा आज ग्राम पलथरा में जनजातीय कृषकों को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के माध्यम से चना किस्म जे.जी. 24 एवं बटरी किस्म आईपीएफडी बीज बुवाई के लिए उपलब्ध कराया गया है। अखिल भारतीय समन्वित रबी अनुसंधान परियोजना, अनुवांशिकीय एवं पादप प्रजनन विभाग तथा विश्वविद्यालय की परियोजना प्रमुख सह संचालक प्रक्षेत्र द्वारा जनजातीय कृषकों को चना एवं बटरी की फसल के बारे में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया।

साथ ही प्रायोगिक रूप से ट्राईकोडर्मा, पीएसबी तथा राईजोबियम के माध्यम से बीजोपचार, पंक्ति से बुवाई, सात लाईन चना एवं दो लाईन धनियां, प्रति एकड 8-10 टी आकार की खूंटी तथा बॉर्डर फसल के रूप में गेंदा लगाने की सलाह दी गई। जिससे कीट व्याधि की समस्या का उचित प्रबंधन हो सके। इसके अतिरिक्त फसल प्रबंधन के संबंध में संपूर्ण जानकारी भी प्रदान की गई।

बताया गया कि चना जे.जी. 24 किस्म ऊंची होने के कारण हार्वेस्टर के माध्यम से आसानी से कटाई की जा सकती है तथा इसका दाना बडा होने के कारण फुटाने हेतु उपयुक्त होता है।केन्द्र के प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. पी.एन. त्रिपाठी ने बताया कि जैव उर्वरक के पूर्व अमोनियम मॉलीब्डेट से बीजोपचार करने से उत्पादन में 10-15 प्रतिशत बढोत्तरी एवं नाईट्रोजन का स्थिरीकरण ज्यादा प्रभावी मात्रा में होता है। कार्यक्रम में डॉ. आर.पी. सिंह, रितेश बागोरा, डॉ. मोनिका सिंह तथा 50 जनजातीय कृषकों की उपस्थिति रही। 

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