संयोजित बैठक: योजना के परिणामों का मैदानी स्तर पर हो मूल्यांकन- राज्यपाल श्री पटेल

  • जनजातीय प्रकोष्ठ के द्वारा संयोजित बैठक
  • बैठक का आयोजन दो सत्रों में किया गया
  • जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं पर चर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-20 13:50 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि व्यक्तिगत और सामुदायिक योजना के परिणामों का मूल्यांकन मैदानी स्तर पर किया जाए। वंचित और छूट रहें व्यक्तियों और क्षेत्रों तक विकास की योजनाओं की पहुँच को सफलता का पैमाना माना जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन से प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक योजना को पहुँचाने के प्रयास किए जाने चाहिए। मॉनिटरिंग का भी यही लक्ष्य होना चाहिए।

राज्यपाल श्री पटेल आज जनजातीय प्रकोष्ठ के द्वारा संयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक का आयोजन दो सत्रों में किया गया था। प्रथम सत्र में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और आयुष विभाग की समीक्षा की गई। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार मौजूद थे। द्वितीय सत्र में जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं पर चर्चा की गई।

जेनेटिक कार्ड वितरण में युवाओं को दें प्राथमिकता- राज्यपाल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि स्क्रीनिंग के दौरान सिकल सेल प्रभावितों की अधिक संख्या वाले चिन्हित क्षेत्रों और 20 से 30 वर्ष की आयु समूह की स्क्रीनिंग के कार्य को व्यापकता प्रदान की जाए। जांच का कार्य तेज गति से किया जाए। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व और प्रसव के 72 घन्टों के भीतर जांच हो। इस संबंध में विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की जाना चाहिए। चिन्हित वाहक और रोगियों को प्राथमिकता के साथ जेनेटिक कार्ड उपलब्ध हो। रोगी और वाहक को तत्काल उचित औषधि उपलब्ध हो। वाहक और रोगी नियमित रूप से औषधि लें। इसकी मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है। मॉनिटरिंग के लिए सामुदायिक जन जागृति के प्रयास आवश्यक हैं। जरूरी है कि घर-घर जाकर इस संबंध में सीधा संपर्क और संवाद कायम किया जाए। उन्होंने मैदानी अमले का संवेदीकरण कर, उनके माध्यम से जन जागरण के प्रयासों के लिए निर्देश दिए है।

सिकल सेल उन्मूलन में आयुष की विभिन्न पद्धतियों का तुलनात्मक परीक्षण हो

राज्यपाल श्री पटेल ने आयुष विभाग की चर्चा के दौरान कहा कि सिकल सेल रोग प्रबंधन और उपचार में होम्योपैथी, आयुर्वेद और योग की भूमिका के संबंध में विभाग द्वारा किए जा रहे अनुसंधान का तुलनात्मक परीक्षण भी कराया जाए। पॉयलट जिलों की सभी तहसील के वाहक और रोगी अध्ययन में सम्मलित हो। इसकी सुनिश्चितता की जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 2047 तक सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों को व्यापकता प्रदान करने में आयुर्वेद की संभावनाएं बहुत प्रबल हैं। इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।

प्रसव पूर्व जांच के प्रयासों को भी व्यापकता दी जाए- उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज इंदौर के ट्रांसफ्यूज़न विभाग को केन्द्र सरकार द्वारा सेंटर ऑफ कॉम्पीटेंस घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल प्रभावितों को जेनेटिक कार्ड प्रदान करने के साथ ही प्रसव पूर्व जांच के प्रयासों को भी व्यापकता दी जाएगी।

सिकल सेल के संबंध में महाविद्यालयों में चिकित्सक देगें जानकारी- आयुष मंत्री

आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चिकित्सा विभाग के साथ समन्वय कर सिकल सेल जन जागृति के प्रयासों को विस्तारित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि समस्त महाविद्यालयों में सिकल सेल के संबंध में चिकित्सकों के द्वारा जानकारी दिए जाने के लिए पीरियड निर्धारित कर विद्यार्थियों के माध्यम से जागरूकता प्रसार के प्रयास किए जाएंगे।

विकास का मूलाधार सबका साथ और विकास- राज्यपाल

बैठक के दूसरे सत्र में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विकसित भारत का मूलाधार सबका साथ और सबका विकास है। इसी के लिए सरकार की योजनाओं का निर्माण किया गया है। योजना की मंशा की सफलता क्रियान्वयन की दृष्टि और दिशा पर आधारित होती है। उन्होंने कहा कि सरकारी अमला सरकार के चालक है। अमला जितना सजग और सक्रिय होगा। सरकार भी उतनी ही गतिशील होगी। इसलिए आवश्यक है कि शीर्ष से लेकर जमीनी स्तर तक का अमला योजना की मंशा के प्रति संवेदनशील हो। मॉनीटरिंग की प्रणाली धरातल पर छूट गए व्यक्तियों, क्षेत्रों को चिह्नित करने पर फोकस हो।

प्रयास, ऐसे क्षेत्रों, समुदाय और व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए आवश्यक प्रावधान, संशोधन और नवाचार पर केन्द्रित होने चाहिए। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने जनजातीय कार्य विभाग की विभिन्न योजनाओं प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) और विभागीय योजनाओं पर चर्चा में कहा कि विभाग द्वारा पी.वी.टी.जी जिलों में नए जिले शामिल किये जाने चाहिए। पेसा ग्राम सभाओं के लिए अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने के लिए महाराष्ट्र राज्य के प्रावधानों का अध्ययन कर विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए। जनजातीय हितग्राहियों के लिए पीएचडी छात्रवृत्ति और विषय के कोटे को भी समाप्त किया जाना चाहिए।

बैठकों में अध्यक्ष जनजातीय प्रकोष्ठ श्री दीपक खाण्डेकर, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चन्द गुप्ता, प्रकोष्ठ के सदस्य एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रथम सत्र में प्रमुख सचिव आयुष श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव, आयुष आयुक्त श्रीमती उमा महेश्वरी, प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. सलोनी सिडाना एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। द्वितीय सत्र में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य श्री गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय श्री श्रीमन शुक्ला एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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