Satna News: सनातन धर्म के सबसे पवित्र अनुष्ठानों में रामार्चा महायज्ञ
- भगवान के चारों अवतारों की पूजा विधि और विधान होता है
- सीता माता संग भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की गई
- कन्या भोज के साथ ब्राम्हण भोज कराया गया
डिजिटल डेस्क, पन्ना। सनातन धर्म के सबसे पवित्र अनुष्ठानों मेें से महायज्ञ है जिसमें भगवान के चारों अवतारों की पूजा विधि और विधान होता है। शाहनगर के बस स्टैण्ड में श्रद्धालु दम्पत्ति सुरेश-राजकुमारी द्वारा विधि-विधान के साथ रामार्चा महायज्ञ का आयोजन करवाया गया। जिसमें कथा वाचक हरिराम तिवारी द्वारा सम्पूर्ण आयोजन सम्पन्न करवाया गया। इस दौरान यज्ञ स्थल का वैदिक मंत्रों के साथ पवित्रीकरण कर केले के हरे पेड़ों का मण्डप तैयार कर गुलाब, बेला गेंदा से सजाया गया साथ ही मण्डप एवं वेदी का निर्माण करवाया गया।
गौरी गणेश देवता का पूजन किया गया। यज्ञ अनुष्ठान चार आवरण में कराया गया। प्रथम आवरण में गौरी और भगवान शिव की पूजा की गई। तेरह देवताओं का आव्हान करते हुए स्थापना और पूजन किया गया दूसरे आवरण में अष्टमंत्रियों तक कुल 21 देवताओं का पूजन हुआ। प्रति आवरण में महाराज दशरथ सहित लक्ष्मण कुमार पत्नी उर्मिला, भरत पत्नी मांडवी, शत्रुघन पत्नी श्रुति कीर्ति और हनुमान जी की स्थापना और पूजन किया गया। चतुर्थ आवरण में सीता माता संग भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की गई।
इस दौरान कथा वाचक हरिराम तिवारी ने बताया कि रामार्चा महायज्ञ कराने से इंसान पुण्य का भागी बनता है और बैकुंठ प्राप्त करता है। कथा में आए आगंतुकों को प्रसाद वितरण कर कन्या भोज के साथ ब्राम्हण भोज कराया गया।