Chhindwara news: पीएम मोदी वर्चुअल करेंगे राज्य आदिवासी संग्रहालय का लोकार्पण, राष्ट्रपति या केंद्रीय मंत्री यहां आ सकते हैं

  • जबलपुर सहित प्रदेश के अन्य स्थानों की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे
  • जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक हलचल मची हुई
  • प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-06 04:27 GMT

Chhindwara। जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित बादलभोई राज्य आदिवासी संग्रहालय के लोकार्पण की बारी अब आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य आदिवासी संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। खासबात यह कि पिछले करीब एक पखवाड़े से प्रधानमंत्री के यहां आकर लोकार्पण करने की सुगबुगाहट थी। जिसको लेकर जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक हलचल मची हुई थी। जिसके तहत जबलपुर रेंज के आईजी सहित भोपाल से विभागीय वरिष्ठ अधिकारी यहां का दौरा कर गए। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी का छिंदवाड़ा कार्यक्रम तय नहीं हो सका है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी 15 नवंबर को बिहार में रहेंगे। बिहार से ही वे वर्चुअल छिंदवाड़ा, जबलपुर सहित प्रदेश के अन्य स्थानों की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। यह भी तय बताया जा रहा है कि 15 नवंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू मध्यप्रदेश के दौरे पर रहेंगी। उनके भी छिंदवाड़ा प्रवास की चर्चाएं हैं।

मोदी की सभा के लिए मैदान पर भी विचार हो गया था:

प्रधानमंत्री के राज्य आदिवासी संग्रहालय के लोकार्पण में आने की सुगबुगाहट के बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने म्युजियम की व्यवस्थाओं के साथ ही सभा के लिए मैदान पर भी विचार शुरू कर दिया था। पीजी कॉलेज का मैदान स्थानीय प्रशासन द्वारा सुझाया गया था। दिवाली के पहले छिंदवाड़ा पहुंचे जबलपुर रेंज के आईजी ने भी पीजी कॉलेज ग्राउंड का मुआयना किया था।

सीएम व केंद्रीय मंत्री यहां पहुंच सकते हैं:

बिहार से प्रधानमंत्री छिंदवाड़ा में नवनिर्मित राज्य आदिवासी संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। ऐसे में केंद्रीय मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री की यहां कार्यक्रम में उपस्थिति हो सकती है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री यहां आ सकते हैं। जिसको लेकर प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर चल रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।

पहले और अब के संग्रहालय में क्या अंतर:

पहले: श्री बादलभोई राज्य आदिवासी संग्रहालय पूर्व से ही यहां स्थापित है। जिसमें आदिवासी संस्कृति को दर्शाया गया है। जनजातियों के खान-पान रहन सहन के तौर तरीकों को संग्रहालय में संजोया गया था। अब: श्री बादलभोई राज्य आदिवासी संग्रहालय का विस्तार करते हुए अब इसे जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित किया गया है। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले जनजातीय नायकों व उनकी भूमिकाओं को दर्शाया गया है।

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