पीएफ और पेमेंट रोका, अब काम से निकालने की धमकी, शिकायत पर कलेक्टर ने तीन दिन के कार्यवाही का दिया आश्वासन
आश्वासन के नाम पर हो रहा है छलावा
डिजिटल डेस्क, स्लीमनाबाद। नर्मदा दायीं तट नहर में डाउन स्ट्रीम खिरहनी में टनल निर्माण करने वाली कंपनी पर श्रमिकों ने अपने पीएफ की राशि और वेतन डकारने के बाद धौंस देकर घर बैठा देने की धमकी देने के आरोप लगाए है। कलेक्टर , पुलिस अधीक्षक एनवीडी, और पीएफ अधिकारियों को दी गयी शिकायत में श्रमिकों ने कहा है कि ठेका कम्पनी पटेल एसडीडब्ल्यू और राबिंस के मैनेजमेंट के द्वारा एनवीडीए अधिकारियों के साथ मिलकर पिछले 6 सालों से आर्थिक शोषण किया जा रहा है। यहां तक कि सभी मजदूरों का 6 वर्षों की पीएफ की राशि कटौती करने के बाद खाते में जमा नही की गयी है,जो करोड़ों में है।
आश्वासन के नाम पर छलावा
श्रमिको का आरोप है कि जब भी पीएफ और वेतन कम मिलने की मांग को लेकर हड़ताल और धरना किये गए । हर बार ठेका कम्पनी और एनवीडीए के अधिकारियों ने पूरा हिसाब और पैसा मिलने का आश्वासन देते रहे लेकिन शोषण बदस्तूर जारी रहा। अब 3 महीने का वेतन दिए बिना काम से बैठाने के आदेश दिए जा रहे है जिससे सभी परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट आ सकता है।
घर पर रखा रिकार्ड
शिकायतकर्ता श्रमिको का कहना है कि राबिंस कम्पनी और ठेका कम्पनी के द्वारा एनवीडीए में प्रस्तुत किये गए बिल और मस्टर से मिली राशि और मजदूरों को किये गए भुगतान की जांच की जाए तो 15 करोड़ से अधिक का घपला उजागर हो सकता है। कंपनी के जिम्मेदार कर्मचारी ने पूरा रिकार्ड अपने घर बंधी स्टेशन मे छिपा रखा है। आशंका है कि रिकॉर्ड को नष्ट भी कर सकता है। श्रमिकों का कहना है कि 24 हजार की जगह केवल 13 हजार रुपये महीना दिया गया।अचानक कम्पनी के भुगतान न करने की स्थिति में दिसंबर जनवरी और फ रवरी का वेतन सीधे एनवीडीए के द्वारा किया गया जो पूरा 24 हजार मिला तब जाकर इनकी चालबाजी पूरी तरह से सामने आई।