मध्यप्रदेश: 'जन कल्याण और कानून व्यवस्था की स्थिति आदर्श रहे', सीएम मोहन यादव ने कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और एसपी को दिए निर्देश
- खाद वितरण कार्य व्यवस्थित हो, कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध उठाएं सख्त कदम
- जिलों में व्यवस्थाएं देखने खुद मैदान में उतरें वरिष्ठ अधिकारी
- नरवाई के प्रबंधन के लिए हुई सिवनी जिले के कार्यों की प्रशंसा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में चाहे विकास का प्रश्न हो, शासन की प्राथमिकताओं के अनुसार कार्यों का क्रियान्वयन या कानून-व्यवस्था की बात हो, आदर्श स्थिति बनाए रखने का दायित्व कलेक्टर-एसपी का है। अपने जिले में सभी व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर्स और एसपी जिम्मेदार होंगे। जिन जिलों से अनियमितताओं की शिकायतें आएंगी, वहां बड़े अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 22 हजार थानों की सीमाओं में आवश्यक परिवर्तन हुए हैं। जन-कल्याण की दृष्टि से जिलों के पुनर्गठन के लिए राज्य शासन ने आयोग गठित किया है। इसमें कलेक्टर और जन-प्रतिनिधि भी जरूरी सुझाव देकर सहयोग करें। आने वाले समय में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण, आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने जैसे निर्णय क्रियान्वित होंगे। इस दृष्टि से अनेक प्रशासनिक कार्यों का सह संबंध रहेगा। जिला स्तर पर भी जन-कल्याण के साथ प्रशासनिक सुधार प्राथमिक कार्य है। परीक्षाओं को देखते हुए निर्धारित ध्वनि से अधिक कोलाहल यंत्रों पर नियंत्रण, नशे का व्यापार करने वालों पर अंकुश, पराली जलाने पर रोक, किसानों के लिए खाद और उर्वरक के व्यवस्थित वितरण, राजस्व कार्यों के त्वरित निराकरण को मुस्तैदी से किया जाए। खाद की कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कलेक्टर, कमिश्नर कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर्स ने जिलों में बेस्ट प्रैक्टिसेस की जानकारी दी।
धान, ज्वार-बाजरा और सोयाबीन की खरीदी, जिलों में हों नवाचार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में धान, ज्वार-बाजरा और सोयाबीन खरीदी से संबंधित कार्य व्यवस्थित रूप से सम्पन्न किए जाएं। जिन जिलों से अनियमितताओं की जानकारी प्राप्त होगी, वहां दोषी अधिकारियों को नहीं बख्शा जाएगा। उपार्जन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं होना चाहिए। खाद, बीज की समय-सीमा में उपलब्धता और व्यवस्थित वितरण को सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध होने के बावजूद जिन स्थानों से वितरण की अव्यवस्था संबंधित शिकायतें मिलेंगी, वहां दोषी अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शाजापुर जिले में एक नवाचार किया गया है, जिसमें टोकन वितरण सीएम हेल्पलाइन 181 की मदद से करते हुए अनावश्यक लाइन नहीं लगी और कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ। अतिरिक्त काउंटर बनाकर भी सागर और दमोह जिलों में अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। इसी तरह इंदौर जिले में 65 वर्ष से अधिक आयु के किसानों के लिए पृथक काउंटर बनाया गया। ऐसे सफल प्रयोग अन्य जिलों में भी किए जाएं।
ड्रोन का उपयोग प्रोत्साहित किया जाए, नरवाई जलाने पर लगे अंकुश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि कार्य में ड्रोन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। ड्रोन के माध्यम से यूरिया के छिड़काव और खाद डालने से सामग्री की बचत भी संभव है। आवश्यकतानुसार किसानों को किराये पर ड्रोन उपलब्ध कराने, प्राकृतिक जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने, प्राकृतिक खेती विकास योजना के क्रियान्वयन और किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं।
नरवाई प्रबंधन की रणनीति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नरवाई प्रबंधन के प्रयासों की भी जानकारी प्राप्त की। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के चयनित जिलों में सुपर सीडर और हैप्पी सीडर के प्रयोग की रणनीति बनाई गई है। इससे नरवाई के नियंत्रण का कार्य संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नरवाई प्रबंधन के अंतर्गत किसानों को जागरूक बनाने के लिए नरवाई रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने को कहा। जीरो टिलेज तकनीक के माध्यम से बोवनी, 40 हजार एकड़ के जीरो टिलेज फार्मिंग के फसल प्रदर्शन और सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर द्वारा नरवाई प्रबंधन और बोवनी के कार्य कुछ जिलों में किए जा रहे हैं। इनका अन्य जिलों में विस्तार किया जाए। प्रदेश के 30 जिलों के 400 ग्रामों को नरवाई जलाने से मुक्त ग्राम बनाने के लिए चयनित किया गया है। सिवनी जिले में धारा 144 लगाने, 25 पंचनामें बनाने और सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर का उपयोग बढ़ाने का कार्य कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अमले ने मैदान पर जाकर किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रयोग की सराहना की। नर्मदापुरम कलेक्टर ने बताया कि नरवाई जलाने से रोकने के लिए खेत पाठशालाएं लगाई गईं और किसान जागरूकता रथ चलाए गए। कुछ जिलों में किसानों ने स्वयं नए यंत्रों पर उपलब्ध अनुदान का लाभ लेते हुए जागरूकता का परिचय दिया है।
किसानों और आमजन को राजस्व महाअभियान का लाभ दिलवाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक माह अवधि के राजस्व महाअभियान 3.0 का शुभारंभ 15 नवम्बर को हो चुका है। इस अभियान में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप किसानों और आमजन को लाभ दिलवाया जाए। पीएम किसान योजना के लिए फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया जा रहा है। इस नाते कलेक्टर्स इस कार्य को सुनिश्चित करें। खसरा एवं आधार लिंकिंग का कार्य शिविर लगाकर किया जाए। स्वामित्व योजना के समस्त ग्रामों से सबंधित दस्तावेज भी पूर्ण और व्यवस्थित करते हुए राजस्व महाभियान से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। वीडियो कांफ्रेंस एवं बैठक में जानकारी दी गई कि राजस्व महाअभियान 3.0 प्रदेश में एक लाख से अधिक नामांतरण, 10 हजार से अधिक बँटवारा, लगभग 20 हजार सीमांकन और एक लाख 39 हजार नक्शा बटांकन, करीब 4 हजार अभिलेख दुरूस्ती और लगभग 2 लाख आधार से खसरे लिंक करने का लक्ष्य तय किया गया है।
गीता जयंती कार्यक्रम पूरे प्रदेश में हों
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि प्रदेश में 11 दिसम्बर को गीता जयंती पर अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं, जिनका व्यवस्थित आयोजन सुनिश्चित किया जाए। उज्जैन एवं भोपाल में गीता भवन के भूमि पूजन के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की परम्परा से संबंधित विविध आयोजन सम्पन्न होंगे। इसकी विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है। इनमें गीता संवाद, गीता के सस्वर पाठ की वर्ल्ड रिकार्ड प्रस्तुति के प्रयास भी किए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारी की गई है। इस्कॉन संस्था द्वारा बच्चों के लिए गीता के श्लोकों की प्रतियोगिता और अन्य कार्यक्रमों में समन्वय करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को विभिन्न गतिविधियां आयोजित करनी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में जिलों में ऐसे भवनों का अभाव है, जहां शास्त्रीय और बौद्धिक आयोजन भी होते हों। इन भवनों को सिर्फ मांगलिक भवन बनाने के स्थान पर वैचारिक विमर्श का केंद्र भी बनाया जाए और युवाओं के लिए आवश्यक साहित्य भी उपलब्ध करवाया जाए। श्रीमद्भगवद गीता के कर्म आधारित जन कल्याणकारी उद्देश्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए संस्कृति, नगरीय विकास और अन्य विभाग भी सहयोग करें।
वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शीतकाल में रैन बसेरों और आश्रय स्थलों में नागरिकों के लिए ठंड से बचाव के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निराश्रितों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से प्रयास बढ़ाए जाएं। अस्पतालों के रोगियों और उनके परिजन को भी भोजन उपलब्ध करवाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिलों में मिलावटखोरी के मामलों पर पूर्ण नियंत्रण, खाद्य पदार्थों की चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से जांच के निर्देश दिए। इसी तरह प्रदेश में 25 नवम्बर से प्रारंभ "हम होंगे कामयाब" पखवाड़े में विभिन्न गतिविधियों के संचालन और स्वनिधि भी स्वाभिमान भी पखवाड़े में 18 नवम्बर से प्रारंभ गतिविधियों के 2 दिसम्बर तक निरंतर संचालन के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "स्व निधि से समृद्धि" के अंतर्गत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और अन्य योजनाओं में हितग्राहियों को जोड़ने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान" में विभागों की चिन्हित 25 हितग्राही मूलक और सामुदायिक संबंधी योजनाओं के शत-प्रतिशत सेचुरेशन का लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनसमस्याओं के निराकरण और सीएम हेल्प लाइन की लंबित शिकायतों को समय-सीमा में सुलझाने के निर्देश भी दिए।
कानून व्यवस्था की स्थिति रहे सुदृढ़
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर अवैध मादक पदार्थ जब्त किए जाएं। अपराधियों की गिरफ्तारी की जाएं। विशेष अभियान संचालित कर नशे का व्यापार करने वाले अपराधियों की धरपकड़ की जाएं। युवाओं को नशामुक्ति अभियान से जोड़कर जागरूक बनाया जाएं। शिक्षण संस्थाएं भी ऐसे प्रयास करें। नशे की वस्तुओं की सप्लाई चेन पर नियंत्रण हो। अन्य राज्यों से भी संपर्क और संवाद कर नशे की वस्तुओं पर अंकुश लगाया जाए। खांसी के विभिन्न सीरप जो नशे के विकल्प के तौर पर उपयोग में लाए जा रहे हैं उन पर भी नियंत्रण किया जाए। पुलिस की निगाह ऐसी गतिविधियों पर होना चाहिए, विशेष कर औद्योगिक क्षेत्रों में इसे रोकने की विशेष आवश्यकता है। दवा की दुकानों की भी रैंडम रूप से चेकिंग कर इस पर नियंत्रण किया जाए। गौ- तस्करों पर तत्काल एक्शन हो। आदतन अपराधियों के विरूद्ध और साइबर क्राइम पर भी नियंत्रण स्थापित किया जाए। पुलिस की कार्रवाई से अपराधिक तत्व बचना नहीं चाहिए। त्यौहारों के अवसर पर विशेष सतर्कता बरती जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव जनजाति बहुल जिले के होम-स्टे में रूकेंगे
वीसी में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में होम-स्टे लोकप्रिय हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वे शीघ्र ही अलीराजपुर, धार या अन्य किसी जनजातीय बहुल जिले में संचालित होम-स्टे में रात्रि विश्राम करेंगे। मध्यप्रदेश के होम-स्टे में ख्यात व्यक्तियों और सिने जगत की हस्तियों को भी आमंत्रित कर प्रदेश की पहचान को देश में स्थापित किया जाएगा। प्रदेश के निवाड़ी, छतरपुर, छिंदवाड़ा आदि जिलों में होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।