सावन के महीने में करें ये उपाय, दूर होंगे सभी प्रकार के कष्ट
सावन के उपाय सावन के महीने में करें ये उपाय, दूर होंगे सभी प्रकार के कष्ट
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की अराधना करते हैं, उसे कष्टों से मुक्ति मिलती है। सावन का महीने में भगवान शंकर को मनाने के लिए विशेष पूजा अर्चना लोग करेंगे। सावन के महीने को श्रावण मास भी कहा जाता है। सावन महीने में हर सोमवार को शिव के भक्त उपवास रखते हैं। इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करने से भगवान शंकर की कृपा भक्तों पर बनी रहती है। माना जाता है, कि अगर आप किसी समस्या से परेशान हैं तो इस समय भगवान भोलेनाथ आपकी समस्याओं से आप को बाहर निकालते हैं। तो आज हम आप को सावन में होने वाले कुछ उपायो के बारे में बताने जा रहे जो आपको सावन के महीने में परेशानी से छुटकारा दिलाएंगे ।
सावन के महीने में करें ये उपाय
धन की कमी
अगर आप के घर में धन की कमी हो तो आप सावन भर शमी के पेड़ की जड़ शिवजी को चढ़ाएं। उस के बाद उस जड़ को लाकर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आप के जीवन में धन का संकट दूर होगा।
कार्यों में असफलता
अगर आप को कोई भी कार्य करने में बार-बार असफलता मिल रही हैं, तो सावन में सोमवार के दिन 21 बेल पत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। आप के काम में आ रही बाधा दूर हो जाएगी।
अधिक कष्ट
अगर आप के जीवन से कष्ट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहें तो सावन के महीने में शिवलिंग पर दही चढ़ाएं। बताया जाता है, कf भगवान शंकर को दही बहुत पसंद हैं। अगर आप शिवलिंग पर दही चढ़ाते हैं, तो आप के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
शादी में बाधा
अगर आप की शादी में कोई बाधा आ रही हो तो सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध में केसर मिला कर चढ़ाएं। ऐसा करने से शादी में आने वाली बाधा दूर हो जाती है।
किस्मत साथ ना दे
अगर आप की किस्मत आपका साथ नहीं दे रही तो आपको सावन के महीने में बैल को हरा चारा खिलाना चाहिए। बैल को नंदी का रूप कहा जाता है, ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं।
आमदनी में कमी
अगर आप अपनी आमदनी के साधना बढ़ाना चाहते हैं, तो सावन के महीने में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और राहु-केतु ग्रह के बुरे असर से भी छुटकारा मिलता है।
डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।