अतिथि विद्वानों का अनुरोध: मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए महासंघ ने कहा जल्द बेहतरीन पॉलिसी लाए विभाग
शिवराज के एलान के बाद नीति निर्धारकों पर टिकी अतिथि विद्वानों की निगाहें
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सूबे के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों की पंचायत सीएम हाउस में 11 सितंबर को आयोजित की गई थी जिसमें अतिथि विद्वानों के हित में कई निर्णय लिए गए।अब अतिथि विद्वानों की निगाहें नीति निर्धारकों पर टिकी हुई है।अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी अतिथि विद्वानों की पीड़ा से भली भांति वाकिफ हैं और कई बार उन्होंने अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण भविष्य सुरक्षित को लेकर बोल भी चुके थे अब तो पंचायत में भी बड़ा निर्णय ले लिए हैं।
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— Dainik Bhaskar Hindi (@DBhaskarHindi) September 15, 2023
आगे डॉ सिंह ने उच्च शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों से निवेदन किया है कि माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंशा के अनुसार बेहतरीन पॉलिसी लाए जिससे अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित हो सके। जैसा की विदित है कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव एवं खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत में बोले थे की उच्च शिक्षा विभाग की रीढ़ अतिथि विद्वान ही है और नई शिक्षा नीति को अतिथि विद्वान ही संचालित कर रहे हैं बेहतरीन तरीके से। अतिथि विद्वान हमेशा से कहते हुए आए हैं कि अतिथि विद्वानों के नाम से शोषणकारी अतिथि नाम हटाकर एक सम्मानजनक नाम रखा जाए जिससे समाज विद्यार्थी सभी अपने गुरुओं को सम्मान की नज़र से देखें। अतिथि का कोई मतलब नहीं ना ही कोई भविष्य।
अतिथि विद्वानों की मांग सिर्फ एक ही है नियमितीकरण एवं भविष्य सुरक्षित का। माननीय मुख्यमंत्री ने विद्वानों के भविष्य सुरक्षित पर खुद ही मोहर लगा दिए हैं। अब उच्च शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों एवं नीति निर्धारकों से विनम्र प्रार्थना है कि भविष्य सुरक्षित का एक बेहतरीन पॉलिसी लाए जिससे अतिथि विद्वानों का अनिश्चित भविष्य सुरक्षित भविष्य हो सके। अतिथि विद्वानों के नाम से शोषणकारी अतिथि नाम हटाने का अनुरोध करते हैं उच्च शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों एवं नीति निर्धारकों से,अपना आशीर्वाद दें अब अतिथि विद्वानों को।