न्यायालय का फैसला: कटनी के दुर्दांत अपराधी किस्सू तिवारी को आजीवन कारावास, डेऊ सिंधी हत्याकांड में 37 साल खुला आदेश का लिफाफा

  • न्यायालय ने मंगलवार को डेऊ सिंधी हत्याकांड में सुनाया फैसला
  • 37 साल पुराने मामले में किशोर तिवारी को आजीवन कारावस की सजा
  • सजा के ऐलान से पहले आरोपी फरार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-26 15:55 GMT

डिजिटल डेस्क, कटनी। 37 साल पहले हुए राजेन्द्र उर्फ डेऊ सिंधी की हत्या मामले में न्यायालय ने मंगलवार को इस जघन्य हत्याकांड के प्रमुख आरोपी किस्सू उर्फ किशोर तिवारी को धारा 302 में आजीवन कारावास पांच हजार रुपये के अर्थदंड एवं धारा 201 में पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

किस्सू तिवारी को जिस मामले में पंचम अपर सत्र न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, वह बहुचर्चित मामला 31 दिसंबर 1986 की रात का है। अपर लोक अभियोजक नारायण तिवारी के अनुसार किस्सू तिवारी ने कटनी के बदमाश राजेंद्र उर्फ डेऊ का उसके घर से अपहरण कर झिंझरी स्थित एक ढाबे ले जाया गया, वहां लकड़ी की पटिया से मारकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी किस्सू और उसके साथी मृतक का शव कार में रखकर पूरे शहर में घूमते रहे फिर उसे दहकती चूना भट्टी में झोंक दिया। तीसरे दिन 2 जनवरी 1987 को डेऊ सिंधी की हड्डियां भट्टी से बरामद हुईं।

सजा के ऐलान के पहले ही फरार

इस मामले में नवंबर 2021 में एडीजे अनिल कुमार की अदालत में सजा सुनाई जाने वाली थी, लेकिन किस्सू फरार हो गया। जिस पर न्यायाधीश ने निर्णय लिफाफा में रखकर सील बंद कर दिया। यह लिफाफा सोमवार को प्रभारी पंचम अपर सत्र न्यायाधीश स्मृता सिंह की न्यायालय में खोला गया एवं धारा 302 आईपीसी व धारा 201 साक्ष्य छिपाने में दोषी करार दिया। मंगलवार को न्यायालय ने दंडादेश पारित किया।

हत्या और हत्या के प्रयास के विभिन्न मामलों में न्यायालय से फरार घोषित किस्सू पर पुलिस ने 55 हजार का इनाम घोषित किया था। पिछले महीने कटनी पुलिस ने उसे अयोध्या से गिरफ्तार किया था।

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