जल संरक्षण: प्रकृति संरक्षण के लिए शुरू हुआ जल गंगा संवर्धन अभियान, समुदाय को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू हुई मानस यात्रा

  • जन भागीदारी से हो रहे हैं जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार
  • साफ-सफाई के कार्य विभिन्न ज़िलों में जन प्रतिनिधियों ने किया श्रमदान
  • प्रदेश के सभी 55 जिलों में देखी जा रही हिस्सेदारी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-08 14:14 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। "मायो मौष घीहि ऊ सीर्घाम्नोः घाम्नो राजस्तो वरूण नो मुंच।" यजुर्वेद का यह मंत्र ऐसे अनेक मंत्रों में से एक है जिनमें जल संरक्षण एवं जल की महत्ता को रेखांकित किया गया है। प्राचीन भारतीय सभ्यता में 'जल ही जीवन है' का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया। यह माना गया है कि हमारा शरीर पंच महाभूतों अर्थात् पंचतत्वों से बना है जिसमें एक तत्व जल भी है। ऋग्वेद का नदी सूक्त नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन की कामना का संदेश देते हैं। वैदिक साहित्य में जल स्रोतों, जल के महत्व, उसकी गुणवत्ता एवं संरक्षण की बात निरंतर रूप से कही गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हमारी भारतीय वैदिक संस्कृति की इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश में जल-गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान गंगा दशहरा तक संचालित किया जाएगा जिसमें प्रदेश के सभी ज़िलों में नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ियों सहित जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार एवं साफ सफाई का कार्य किया जा रहा है।

सभी 55 ज़िलों में देखने को मिली जन-जन की हिस्सेदारी

अभियान की मंशा अनुसार प्रदेश के सभी 55 ज़िलों में जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों,स्वयं सेवी संस्थाओं तथा जन समुदाय द्वारा वृक्षारोपण, जल स्त्रोतों की साफ़ सफ़ाई हेतु श्रमदान, जल सम्मेलन इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए गए। जल संरचनाओं के संरक्षण पर आधारित प्रतियोगिताओं का आयोजन कर भावी पीढ़ी को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में वृद्धजनों से लेकर बच्चे तक सभी बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी निभा रहे हैं। जल संरक्षण के प्रति चेतना और सम्यक व्यवहार का विकास इस अभियान की विशेषता बन गई है।

जन समुदाय को प्रेरित करने के लिए शुरू की मानस यात्रा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जल-गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत मानस यात्रा की शुरुआत की है। वे नदियों के उद्गम स्थल पर जाकर वृक्षारोपण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को रायसेन जिले के ग्राम अमरावद से निकलने वाली रीछन नदी के उद्गम स्थल पहुंचकर पूजा-अर्चना की और जन-संवाद से नागरिकों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर जिले के सागरताल के सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छता सफाई हेतु आमजन के साथ श्रमदान किया। राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने नगर निगम सतना के अमौधा तालाब में श्रमदान कर सफाई की। नगर पालिका शहडोल के सुमन तालाब में विधायक जयसिंहनगर मनीषा सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा जल संरक्षण के लिए श्रमदान कर साफ सफाई कार्य किया गया।

बुरहानपुर जिले में मानव श्रृंखला बनाकर ताप्ती नदी घाट की सफाई की गई। महापौर माधुरी अतुल पटेल द्वारा उपस्थित लोगों को स्वच्छता व जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई। जल-गंगा संवर्धन अभियान में नरसिंहपुर जिले में विभिन्न जल स्रोतों, नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ी के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए विशेष सफाई की गई। नगर पालिका नरसिंहपुर द्वारा नरसिंह तालाब में श्रमदान कर सफाई की। दमोह ज़िले में जन समुदाय ने पटना कुम्हारी में निर्मित अमृत सरोवर तालाब के पास एवं स्कूल परिसर में नीम, पीपल एवं बरगद के पौधे रोपित किए गए। मैहर जिले में नगर पालिका द्वारा तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराकर साफ-सफाई की गई। सागर ज़िले में नवांकुर संस्था 'ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति नवलपुर' के द्वारा जल कलश यात्रा का आयोजन किया गया। टीकमगढ़ ज़िले में शासकीय कार्यालयों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से पोषण से भरपूर फलों के पौधों जैसे आम, अमरूद, जामून नीबू, मुरिंगा की फली का पौधारोपण किया गया। झाबुआ ज़िले में ग्राम पंचायत चिकलिया में भूमिपूजन और लोक देवता की पूजा कर जनभागीदारी से हैंडपंप, सोक पीट की साफ सफाई और गहरीकरण किया गया।

Tags:    

Similar News