मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मौजूदगी में होगी खाद्य प्रसंस्करण उत्पादकों की बायर-सेलर मीट, मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में
- खाद्य प्रसंस्करण उत्पादकों की बायर- सेलर मीट मंगलवार 30 जुलाई को होगी
- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को पूर्ण करने का प्रयास है
- निर्मित उत्पादों एवं प्र-संस्करण मशीनों का प्रदर्शन किया जाएगा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण उत्पादकों की बायर- सेलर मीट मंगलवार 30 जुलाई को होगी। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर भोपाल में होने वाली इस मीट में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह भी उपस्थित रहेंगे।
संचालक उद्यानिकी एस.बी. सिंह ने बताया कि इसका उद्देश्य उद्यानिकी विभाग में संचालित पीएमएफ़एमई योजना अंतर्गत प्रदेश के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों में निर्मित प्रसंस्कृत उत्पादों तथा विशिष्ट उद्यानिकी उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना, बायर एवं सेलर को साझा मंच उपलब्ध कराना, कृषकों तथा युवा कृषक उद्यमियों को उद्यानिकी फसल उत्पादन तथा प्रसंस्करण की उन्नत तकनीकों, प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावना, बाज़ार, शासकीय योजना अंतर्गत वित्तीय सहायता आदि के विषय में मार्गदर्शन प्रदान करना तथा सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाना है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 'वोकल फ़ॉर लोकल' मिशन के क्रम में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को पूर्ण करने का प्रयास है।
मध्यप्रदेश उद्यानिकी फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में स्थान रखता हैI प्रदेश के कुल कृषि क्षेत्रफल में उद्यानिकी फसलों की भागीदारी 11.20 प्रतिशत है। प्रदेश में लगभग 400 लाख मी. टन उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश मसाला, धनिया, लहसुन, संतरा, एवं टमाटर के उत्पादन में प्रथम स्थान तथा मिर्च, प्याज के उत्पादन में द्वितीय स्थान पर है। प्रदेश में उत्पादित इन उद्यानिकी फसलों को नष्ट होने से बचाने तथा मूल्य वर्धन करने के लिए उद्यानिकी विभाग में संचालित पीएमएफ़एमई योजना अंतर्गत सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण उद्यम स्थापित किये
जाने के लिए इच्छुक उद्यमियों को परियोजना लागत का 35% अधिकतम राशि रूपए 10 लाख तक अनुदान का प्रावधान है।
बायर-सेलर की होगी राउंड टेबल चर्चा
कार्यक्रम में इकाइयों में निर्मित उत्पादों एवं प्र-संस्करण मशीनों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश तथा अन्य राज्यों के क्रेता, विक्रेता, निर्यातकों, विशेषज्ञों सहित लगभग 250 प्रतिनिधियों द्वारा सहभागिता की जाएगी। आयोजन में क्रेता-विक्रेता के परस्पर संबंधों को बढ़ावा देने तथा उद्यानिकी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्पादकों, व्यापारियों, खरीदारों और उद्योग विशेषज्ञों सहित हितधारकों के विविध समूह को एक साथ लाया जा रहा है। इस हेतु विशिष्ट उत्पाद के क्रेता-विक्रेताओं द्वारा राउंड टेबल चर्चा की जायेगी, जिससे वे एक दूसरे की आवश्यकताओं को समझें तथा भविष्य में व्यापार के लिए लिंकेज बनाया जा सके। उद्यानिकी फसलों को उनके उत्पादों/प्र-संस्कृत उत्पादों का उचित मूल्य तथा बाज़ार प्राप्त हो सके।
कार्यक्रम में होने वाली प्रमुख गतिविधियाँ
उत्पादन आधारित क्रेता- विक्रेताओं की वार्ता, प्रदेश में पीएमएफएमई योजना अंतर्गत निर्मित उत्पादों तथा विशिष्ट उद्यानिकी उत्पादों तथा प्र-संस्करण की उन्नत मशीनों का प्रदर्शन, विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी-सत्र तथा योजना के हितग्राहियों को सिंगल क्लिक के माध्यम से अनुदान राशि का वितरण होगा।
कार्यक्रम के आयोजन से योजना अंतर्गत लाभान्वित छोटे और सीमान्त उद्यानिकी उत्पादकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रेताओं तथा नए बाजारों तक पहुंच प्राप्त होगी। तकनीकी सत्र के माध्यम से उद्यानिकी तथा प्र-संस्करण की उन्नत तकनीकों तथा उत्पादों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं निर्यात सम्बन्धी जानकारी प्राप्त होगी। उत्पाद आधारित राउंड टेबल चर्चा से क्रेता एवं विक्रेता के मध्य संपर्क और आपसी चर्चा एवं लिंकेज उद्यानिकी जगत में नई संभावनाओं और सफलताओं को जन्म देगा।