भोपाल: जितेन्द्र डागा की हुजूर में सक्रियता ने भाजपा को चिंता में डाला

एक माह में 90 ग्रामीण इलाकों का किया दौरा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-08 05:27 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिरदाराम नगर प्रतिनिधि विधान सभा चुनाव में अभी चार माह का समय है और बीता चुनाव 28- नवम्बर 2018 को हुआ था ऐसे में संभावना है कि इस बार दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में चुनाव कराने का ऐलान किया जा सकता है। बाकी सीटों पर स्थिति चाहे जो भी हो लेकिन राजधानी भोपाल में हुजूर सीट जिस पर जनसंघ के जमाने से भाजपा का कब्जा रहा है, इस बार भाजपा के ही एक पूर्व विधायक जितेन्द्र बगा जो अब कांग्रेसी नेता बन चुके हैं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की हरी झण्डी के बाद जिस तरह से गांवों की खाक छान रहे हैं, उसने भाजपा को चिंता में डाल दिया है।

एक माह में 90 गांव का दौरा

जितेन्द्र डागा ने इस प्रतिनिधि को बताया कि उन्होंने बीते एक माह में हुजूर क्षेत्र के लगभग 90 गावों का दौरा किया है, जहां स्थानीय समस्याओं एवं किसानों के साथ किए गए अन्याय के कारण भाजपा के प्रति जबरदस्त आक्रोश है और 1967 के बाद पहली बार ग्रामीण बदलाव चाहते हैं। भ्रमण के दौरान ये जगह जगह चौपाल के जरिए ग्रामीणों की न केवल समस्याएं जान रहे हैं, बल्कि कांग्रेस सरकार आने पर उनका किस प्राथमिकता से निराकरण किया जाएगा इससे भी अवगत करा रहे हैं।

है चप्पे चप्पे की जानकारी

हजुर सीट पर भाजपा के तो कई नेताओं को एक नहीं बल्कि सात सात बार भाग्य आजमाने का अवसर मिला, खासतौर पर हुजूर के प्रमुख शहरी इलाके संत हिरदाराम नगर को बात की जाए तो यहां जनता पार्टी के लक्ष्मीनाराण शर्मा दो बार, बाबूलाल गौर 7 बार और वर्तमान विधायक रामेश्वर शर्मा दो बार चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन जहाँ तक जितेन्द्र अगा का सवाल है, तो ये 2008 में भाजपा की सीट पर यहां से चुनाव लड़े थे, और त्रिकोणीय संघर्ष में उन्होंने 17 हजार से अधिक मतों से यह सीट जीती थी। 2008 में जितेन्द्र डागा भाजपा के उम्मीदवार थे और उनके सामने कांग्रेस ने राजेन्द्र मीणा को चुनाव मैदान में उतारा था जबकि भाजपा की टिकट न मिलने से नाराज भगवानदास सबनानी ने निर्दलीय भाग्य आजमाया संघर्ष त्रिकोणीय हो गया और कांग्रेस तीसरे नम्बर पर खिसक गई जबकि मुख्य मुकाबिला जितेन्द्र डागा एवं भगवानदास सबनानी के बोच रहा जिसमें जितेन्द्र डागा ने 17 हजार मतों से चुनाव जीता। हालांकि 2013 में भी जितेन्द्र डागा ने टिकट मांगा लेकिन भाजपा ने रामेश्वर शर्मा पर दांव लगाया। रामेश्वर शर्मा के सामने ग्रामीण कांग्रेसी नेता राजेन्द्र मण्डलोई थे, जिन्हें लगभग 53 हजार से हार का सामना करना पड़ा। इधर पार्टी में उपेक्षा के चलते बाद में जितेन्द्र डागा ने कांग्रेस का दामन धाम लिया तथा इस बार उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस टिकट देगी। चूंकि हजुर के 5 साल विधायक रह चुके हैं इस कारण जितेन्द्र डागा को इस सीट के चप्पे चप्पे की जानकारी है तथा जिस तरह से वे बीते एक डेढ़ माह से ग्रामीण इलाकों का दौरा कर आर रहे हैं, उसने भाजपा को चिंता में डाल दिया है। ऐसे वैसे भाजपा इस सीट पर किसे मैदान में उतारती के है वह उस पर निर्भर करेगा क्योंकि बीते 5 साल में विधायक रहते हुए रामेश्वर शर्मा ने न केवल का शहरी इलाके कोलार व संत हिरदाराम नगर के ने से अलावा ग्रामीण इलाकों में ढेर सारी काम करवाए कि हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं के अलावा आम जनता के साथ भी उन्होंने संबंध काफी मजबूत बनाए हैं।

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