Balaghat News: अचानक हॉक फोर्स कैम्प पहुंचे डीजीपी, 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के लिए डीजी सीआरपीएफ सहित तीन राज्यों के 6 जिलों के पुलिस अफसरों से की चर्चा

  • तीन राज्यों के ट्रायजंक्शन पर भी पहुंचे
  • ज्वाइंट ऑपरेशन पर जोर
  • मप्र में नवीन फॉरवर्ड बेस तैयार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-14 17:39 GMT

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। दशहरा चल समारोह तथा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की चहल-पहल के बीच डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना शनिवार-रविवार दरमियानी रात अचानक पितकोना स्थित हॉक फोर्स के कैम्प में पहंच गए। कैम्प में उन्हें प्रवेश सुरक्षा जवानों को अपना पासवर्ड बताने के बाद ही मिला। करीब 40 घंटे तक उन्होंने पितकोना के साथ डाबरी, सोनगुड्डा, डोरा एवं सीआरपीएफ के कैम्प बिठली का भी भ्रमण किया। उन्होंने डोरा कैम्प की बैरक में रात गुजारी और जवानों से सामूहिक तथा व्यक्तिगत चर्चा कर नक्सल विरोधी अभियानों तथा समस्याओं को लेकर चर्चा की।

सूत्रों के अनुसार, डीजीपी का यह दौरा बालाघाट सहित इससे सटे छत्तीसगढ़ के कबीरधाम व खैरागढ़ और महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में नक्सल विरोधी अभियान को गति देने के मद्देनजर हुआ। यही वजह रही कि सोमवार की बैठक में उक्त चारों जिले के साथ मप्र के डिंडेारी व मंडला जिले के एसपी भी बुलाए। इनके सहित डीजी सीआरपीएफ व अन्य अफसरों के साथ उन्होंने सोमवार को लंबी बैठक भी की।

तीन राज्यों के ट्रायजंक्शन पर भी पहुंचे

महाराष्ट्र के गोंदिया में स्थापित मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ के ट्रायजंक्शन सीमा क्षेत्र में स्थापित मुरकुटडोह सुरक्षा कैम्प भी डीजीपी पहुंचे। इस कैंप में महाराष्ट्र पुलिस की सी- 60, छत्तीसगढ़ की डीआरजी एवं मध्यप्रदेश की हॉक फोर्स तैनात है। यह ट्रायजंक्शन कैंप अबूझमाड़ से आने वाले नक्सलियों को रोकने के लिए बनाया गया है। डीजीपी ने यहां समन्वय एवं संयुक्त अभियानों की समीक्षा करते हुए जवानों को मार्गदर्शन दिया व उनकी समस्याएं भी जानीं।

ज्वाइंट ऑपरेशन पर जोर

नक्सल समस्या के समूल खात्मे के लिए डीजीपी ने सोमवार को 14 डीजी सीआरपीएफ के साथ 36 वीं बटालियन के कनकी कैंप में बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की। आईबी एवं सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों, आईजी बालाघाट, आईजी तथा डीआईजी नक्सल विरोधी अभियान, डीआईजी बालाघाट रेंज, कलेक्टर बालाघाट सहित मंडला, डिंडोरी, कबीरधाम, खैरागढ़ तथा गोंदिया के एसपी के साथ हुई इस बैठक में डीजीपी ने सामूहिक रणनीति के तहत आपसी समन्वयन स्थापित कर नक्सल अभियान में तेजी लाने एवं नक्सलवाद के खात्मे पर जोर दिया । नक्सल अभियान में अपनाई जाने वाली रणनीति, सीमावर्ती जिलों में आपसी समन्वय व संयुक्त अभियानों (ज्वाइंट ऑपरेशन) को और प्रभावी व कारगर बनाए जाने के संबंध में कार्ययोजना पर विचार हुआ।

मप्र में नवीन फॉरवर्ड बेस तैयार

बैठक में डीजीपी ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में नक्सलवाद विकास में बाधक बन रहा है। इसे देखते हुए मप्र व केन्द्र सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ विकास को बढ़ावा देने रोड, मोबाइल व वित्तीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर दे रही है। साल 2026 तक नक्सलवाद को समूल नष्ट करने स्टेप लेना भी शुरू कर दिया है। नवीन फॉरवर्ड बेस तैयार किए जा रहे हैं। फॉरवर्ड बेस को अधिक प्रभावी बनान बैठक में छत्तीसगढ़ की स्टेटजी अपनाकर मप्र में नक्सलवाद के खात्मे की रणनीति पर भी चर्चा हुई। इस दौरान बालाघाट एसपी नगेन्द्र सिंह ने डीजीपी को नक्शे में नक्सलवाद की तस्वीर दिखाई। विस्तार दलम के विस्तार के साथ ही प्रदेश में कान्हा नेशनल पार्क के कोर एरिया को नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना लिया है। इसे नक्सल मुक्त करने के लिए पार्क के फील्ड डज्ञयरेक्टर सहित अन्य अफसरों से विस्तार से चर्चा की गई है।

Tags:    

Similar News