Baramati News: प्रचार के आखिरी दिन सभा में पहुंची मां, तो भावुक हुए अजित पवार ने कहा...
- जब मैं अकेला था, तब मेरी मां ने मेरा साथ दिया
- भावुक हुए अजित पवार ने कहा...
- प्रचार के आखिरी दिन सभा में पहुंची मां
- इस बार परिस्थिति थोड़ी अलग, भावनाओं का खेल खेला जा रहा
Pune News : लोकसभा चुनााव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी पूरे राज्य की नजरें बारामती पर टिकी हुई हैं। लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी यहां चाचा-भतीजे की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। अजित पवार का सीधा मुकाबला अपने ही भतीजे युगेन्द्र पवार से है। प्रतिष्ठा की जंग बन चुके इस चुनाव में पूरा पवार परिवार प्रचार के मैदान में उतरा हुआ है। युगेन्द्र के प्रचार के लिए जहां एक ओर शरद पवार इस उम्र में एक दिन में सात-सात सभाएं ले रहे हैं और उनकी पत्नी प्रतिभा पवार तथा बहन पाटिल को प्रचार के लिए लोगों के बीच जाना पड़ा। अजित पवार की बहन के बाद अब अजित पवार की मां भी बेटे के लिए मैदान में उतर आई है। प्रचार के अंतिम दिन यानि सोमवार को जहां शरद पवार की सभा में उनकी पत्नी प्रतिभा पवार साथ देखी गईं, वहीं अजित पवार की सभा में उनकी मां मंच पर बैठी देखी गईं। जिन्हें देख कर अजित पवार भावुक हो गए। अजि ने कहा कि, लोकसभा चुनाव में मैं अकेला पड़ गया था, उस समय मेरी मां ने, मेरी बहनों ने, मेरे बच्चों ने मेरा साथ दिया। मेरी पत्नी तो उम्मीदवार के रूप में मेरे साथ थी ही। हालांकि आप सभी ने उसे नकार दिया, लेकिन फिर भी उसे लोकसभा सदस्य बनाया। अब मेरी परीक्षा है। अजित पवार ने कहा कि, मुझ पर सिर्फ बारामती की ही जिम्मेदारी नहीं है, मुझ पर पूरी पार्टी की और महायुति के घटक दल के प्रमुख की भी जिम्मेदारी है। उम्मीद है 20 तारीख को आप सभी घड़ी का बटन दबाएंगे।
इस बार परिस्थिति थोड़ी अलग, भावनाओं का खेल खेला जा रहा
अजित पवार ने अपनी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, 1999 के चुनाव में मैं जीत पाऊंगा की नहीं, इस बात को लेकर मेरे मन में डर था, लेकिन उस समय आप लोगों ने मुझे 50 हजार वोटों से विजयी बनाया। मुझे उम्मीद है कि, इस बार भी 1999 का इतिहास दोहराया जाएगा। अजित पवार ने कहा कि, 1999 के चुनाव प्रचार के दौरान मैं सुबह-सुबह बारामती के गांवों में जाता था और वहां की मां-बहनें मुझसे मिलती थीं और अपनी समस्याएं बताती थीं। जीतने के बाद मैंने सबसे पहले अपनी मां-बहनों द्वारा सुनी गई शिकायतों को हल किया। तब से आज तक इस क्षेत्र का सिर्फ विकास ही हुआ है। अजित पवार ने कहा कि, इस बार परिस्थिति थोड़ी अलग है। इस चुनाव में भावनाओं का खेल खेला जा रहा है, लेकिन आप भावनाओं में बह मत जाना। भावनाओं से विकास नहीं होता।