आग की लपटें: मुरैना में इंडियन ऑयल के गोदाम में लगी भयावह आग, कई किलोमीटर से दिखाई दिए धुएं के गुबार
- इंडियन ऑयल का गोदाम मुरैना-जौरा रोड पर स्थित
- हादसे के वक्त इंडियन ऑयल के 6 से ज्यादा कर्मचारी मौजूद थे
- गोदाम में सीएनजी पाइप लाइन बिछाने में इस्तेमाल होने वाला सामान रखा
- आज सुबह विदिशा में भी पेस्टिसाइड्स फैक्ट्री में लगी थी आग
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुरैना में इंडियन ऑयल के गोदाम में आग लग गई है। आग की भयावहता का अंदाजा इससे लगा सकते है कि कई किलोमीटर दूर से धुएं का गुबार साफ दिखाई दे रहे है। मिली जानकारी के मुताबिक इंडियन ऑयल का गोदाम मुरैना-जौरा रोड पर स्थित था, जिसमें ठीक दोपहर 12 बजे के आस पास आग की लपटें उठने लगी। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त इंडियन ऑयल के 6 से ज्यादा कर्मचारी परिसर में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे ग्राउंड में रखे पाइपों से धुआं उठा। पास जाकर देखा तो आग की लपटें दिखीं। तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।
बताया जा रहा है कि गोदाम में सीएनजी पाइप लाइन बिछाने में इस्तेमाल होने वाला सामान रखा है। आग की लपटों से बचने के लिए दोनों तरफ से यातायात को रोक दिया गया है। फायर ब्रिगेड को सूचना मिलते ही मुरैना से तीन और जौरा से एक दमकल मौके पर पहुंच गई है। जौरा एसडीओपी नितिन बघेल ने मीडिया को बताया कि इलाके में सीएनजी पाइपलाइन बिछाने का काम कर रही इंडियन ऑयल कंपनी ने आर.आर. रिसॉर्ट को किराए पर लिया है।
यहीं आज सुबह ही विदिशा में यूनिकल पेस्टिसाइड्स फैक्ट्री में भी आग लग गई थी। फैक्ट्री से उठने वाला धुआं 10 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रहा था। 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों की मदद से आग बुझाई गई। केमिकल के जहरीला धुआं फैलने से किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए इलाके को खाली करा लिया गया है। आपको बता दें केमिकल के कारण आग फैलती जा रही थी। पानी डालने पर और भभक रही थी। इसके बाद केमिकल की आग बुझाने वाली फोम की फायर ब्रिगेड बुलाई गई। 15 फायर ब्रिगेड ने 5 घंटे में आग पर काबू पाया।
शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित यूनिकल पेस्टिसाइड्स फैक्ट्री पूर्व विधायक और भाजपा नेता शशांक भार्गव की बताई जा रही है। यूनिकल फैक्ट्री से ही लगी यूनाइटेड फैक्ट्री में भी बड़ी संख्या में ड्रमों में केमिकल रखा था, जिससे यहां भी आग फैलने का डर था। जेसीबी की मदद से बाउंड्रीवॉल तोड़कर यूनिटाइटेड फैक्ट्री से केमिकल के ड्रमों को बाहर निकाला गया।