लापरवाही: नोटिस के 15 माह बाद जमा नहीं हुए 31 लाख रूपए, होर्डिंग फिर भी तने
- शहर में होर्डिंग के मामले में खुलेआम मनमानी
- समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही नगर पालिका
- मनमानी ऐसी की भाजपा पार्षद की भी नहीं सुन रहे
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहर में बीओटी योजना से गेंट्री व होर्डिंग का ठेका विभू सूरी यूनिक एडवरटाईजिंग को मिला तो काम में अनुबंध का पालन कई वर्षों तक नहीं हुआ। इस पर 20 फरवरी 2023 को नगर पालिका सीएमओ द्वारा जारी नोटिस में अनुबंध अनुसार 31 लाख 25 हजार 40 रुपए जमा करने और 3 दिन में जवाब नहीं मिलने पर निविदा निरस्ती की बात कही गई। नगर पालिका के इस नोटिस के 15 माह बाद भी कुल बकाया राशि 31 लाख रूपए जमा नहीं हुआ। इसके बाद भी नगर पालिका ने शहर में तने होर्डिंग पर कार्रवाई नहीं की। इस पर यूनिट एडवरटाईजिंग प्रतिनिधि का कहना है कि बार-बार कहने के बाद भी नगर पालिका ने अवैध होर्डिंग हटाकर क्लीयर स्थान नहीं दिया। ट्रैफिक सिग्नल के लिए चौराहों पर अतिक्रमण हटाकर जगह खाली नहीं करवाई। बकाया बिल का नोटिस एकतरफा तो दिया गया पर हमारी बातें नहीं सुनी गई।
पार्षद ने कहा- मुख्यमंत्री को कराएंगे अवगत
शहर में होर्डिंग को लेकर खुलेआम मनमानी पर कार्रवाई के लिए भाजपा पार्षद प्रकाश सोनी लगातार आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने बीते दिनों नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल को ज्ञापन सौंपकर बताया कि होर्डिंग का अवैध धंधा चल रहा है पर नगर पालिका को जरूरी राजस्व नहीं मिल रहा है। पार्षद का कहना है कि लगातार नोटिस के बाद भी पांच सिग्नल चालू नहीं हुए 50 ब्लींकर्स की उपयोगिता नजर नहीं आ रही है तो होर्डिंग का नया ठेका क्यों नहीं किया जा रहा है? होर्डिंग में खुलेआम मनमानी और कार्रवाई में उदासीन रवैये से मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे। नगर पालिका के कर्मचारियों को नियमों का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए। इससे लाभ भी राजस्व में नगर पालिका को ही होगा।
सिग्नल अमूमन बंद, फिर भी होर्डिंग नहीं हटा रहे- शहर में अनुबंध अनुसार 5 स्थानों पर सिग्नल का नियमित संचालन करना था, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। कुछ चौराहों पर सिग्नल 10 से 15 दिन तक चलते हैं तो चार से पांच माह के लिए बंद हो जाते हैं। यही स्थिति ब्लींकर्स को लेकर है। प्रमुख स्थानों पर ब्लींकर्स कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। होर्डिंग ठेकेदार ने अनुबंध अनुसार अपना काम तो नहीं किया पर होर्डिंग का कारोबार जारी रहा। इस संबंध में लगातार शिकायत के बाद भी नगर पालिका अमले ने कार्रवाई नहीं की।