हिंसा और कर्फ्यू: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, मंत्री विधायकों के घरों को बनाया गया निशाना, 5 जिलों में लगा कर्फ्यू
- सीएम के दामाद के घर भी हमला
- प्रदर्शनकारियों ने विधायकों और मंत्रियों के घरों को बनाया निशाना
- राज्य सरकार ने पांच जिलों में लगाया कर्फ्यू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में एक बार फिर हिंसा होने लगी है। मणिपुर में हालात बेकाबू होने लगे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिरीबाम जिले की एक नदी में 6 लापता लोगों के शव मिलने से हिंसा इलाके में तनाव पैदा हो गई और हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने छह विधायकों और तीन मंत्रियों के आवासों पर धावा बोल दिया था और आग लगा दी थी। जिन मंत्रियों के घरों को निशाना बनाया उनमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सापम रंजन, खपत और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसींद्रो सिंह, और शहरी विकास मंत्री वाई खेमचंद शामिल है। विधायकों की बात की जाए तो बीजेपी विधायक आरके इमो, विधायक सापम कुंजकेसोरे और विधायक जॉयकिशन सिंह के घरों पर प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदर्शनाकियों ने मंत्री और विधायकों के घरों में आग लगा दी ,सुरक्षा बलों ने इसके जवाब में प्रदर्शनाकारियों को तितर-बितर करने और भगाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद के घर पर भी हमला किया। मणिपुर राज्य सरकार ने हिंसा की घटनाओं से बचने के चलते पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया और कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। सरकार ने इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और कचिंग जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है।
आपको बता दें सोमवार से लापता दो महिला और बच्चे के शव बीते दिन शनिवार को जिरीबाम में बारक नदी से बरामद हुए। इससे पहले शुक्रवार को भी एक महिला और दो बच्चों समेत तीन शव मिलें। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में भेजा गया। इन शवों को लेकर ही इलाके में हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की घटना हुई।
मणिपुर में हिंसा हाईकोर्ट के उस फैसले के विरोध के बाद शुरू हुई जब उच्च न्यायालय ने मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजातीय (एसटी )में शामिल करने पर राज्य सरकार को विचार करने को कहा। मणिपुर में मैतई समुदाय संपन्न और संख्या में अधिक है। कुकी समुदाय इसका विरोध कर रहा है।