Tokyo Olympic 2020: लक्ष्य पर होगी तीरंदाजों की नजर, तीर से होगी तमगों की बरसात

Tokyo Olympic 2020: लक्ष्य पर होगी तीरंदाजों की नजर, तीर से होगी तमगों की बरसात

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-21 08:13 GMT
Tokyo Olympic 2020: लक्ष्य पर होगी तीरंदाजों की नजर, तीर से होगी तमगों की बरसात
हाईलाइट
  • तरुणदीप ओलंपिक मेडल जीतकर करेंगे अपने करियर का अंत
  • दिहाडी मजदूर से ओलंपियन बने प्रवीण जाधव
  • पति-पत्नि मिलकर लाऐगें पदक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय तीरंदाज इस समय जबरदस्त फॉर्म में हैं, हाल ही में संपन्न हुए वर्ल्ड कप (Paris World Cup) में भारत ने अलग-अलग इवेंट्स में 4 गोल्ड मेडल जीते। आशा है की भारतीय तीरंदाजी टीम (Indian Archery Team) इस प्रदर्शन को जारी रखते हुए देश की झोली को सोने से भर देगी।

दीपिका कुमारी 

दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) बहुत शानदार फॉर्म में चल रही हैं, हाल ही में दीपिका कुमारी ने पेरिस में आयोजित हुए तीरंदाजी वर्ल्ड (Archery World Cup) कप स्टेज-3 टूर्नामेंट (World Cup Stage-3) में एक ही दिन में 3 गोल्ड मेडल अपने नाम किए तो ऐसे में उनसे पदक की आस होना लाजमी है। अपने तीसरे ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही दीपिका का पिछले दो ओलंपिक में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। इस बार उनकी कोशिश होगी की पुराने प्रदर्शन को भुलाकर देश के लिए सोने का तमगा जीते ।

अतानु दास

अतानु दास (Atanu Das) दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) के पति है और कुछ हफ्ते पहले ही दोनों ने पेरिस वर्ल्ड कप (Paris World Cup) के मिक्सड डबल (Mixed Double) में मिलकर भारत के लिए गोल्ड जीता था। इस कपल से भारत को बहुत उम्मीदें है।


 

प्रवीण जाधव

ओलंपिक के तीरंदाजी इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे प्रवीण जाधव (Praveen Jhadav) ने तीरंदाजी (Archery)  दिहाड़ी मजदूरी से बचने के लिए चुनी। परिवार की हालत ठीक ना होने के कारण  सातवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ना पडी ताकि पिता के साथ मजदूरी कर सके। आठ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उनके पिता रमेश को बमुश्किल 200 रुपये की दिहाड़ी मिलती थी।

जाधव के स्कूल के खेल प्रशिक्षक विकास भुजबल ने उनमें प्रतिभा देखी और एथलेटिक्स (Athletics) में भाग लेने को कहा। कोच ने जाधव को दौड़ने  के लिए कहा। कोच ने विकास को आश्वासन दिया था कि  इससे उनका जीवन बदल जाएगा और दिहाड़ी मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी। 

प्रवीण तीरंदाज (Archer) तब बने जब  एक अभ्यास के दौरान उन्होंने दस मीटर की दूरी से सभी दस तीर निशाने पर लगाए। उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।


 

तरुणदीप राय

तरुणदीप राय (Tarundeep Rai) सिक्किम (Sikkim) के नामची जिले के रहने वाले हैं और भारतीय दिग्गज फुटबॉलर (India"s Legendary Footballer) बाइचुंग भूटिया (Baichung Bhutia) के कजिन ब्रदर (Cousin Brother) हैं। तरुणदीप राय (Tarundeep Rai) ने 2003 में म्यांमार (Myanmar) के यांगून (Yangoon) में आयोजित एशियाई आर्चर चैंपियनशिप (Asian Archery Championship) में अपना डेब्यू किया लेकिन 2004 में बैंकॉक  (Bangkok) में एशियाई ग्रां प्री (Asian Grand Prix) में स्वर्ण पदक जीतने के बाद तरुणदीप राय (Tarundeep Rai) सुर्खियों में आए। अपना आखरी इवेंट खेल रहे तरुणदीप की इच्छा होगी कि वे ओलंपिक मेडल (Olympic Medal) जीतकर अपने करियर का सुखद अंत करें।

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