टी20 में संघर्ष कर रहे पंत की टेस्ट क्रिकेट से शानदार वापसी
क्रिकेट टी20 में संघर्ष कर रहे पंत की टेस्ट क्रिकेट से शानदार वापसी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट को हमेशा से कठिन प्रारूप माना जाता है और यह भी माना जाता है कि अगर कोई लाल गेंद वाले क्रिकेट में विस्फोटक बल्लेबाजी कर सकता है, तो वह टी20 और वनडे में भी इसे दोहरा सकता है, लेकिन स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ ऐसा नहीं है। समय-समय पर अपनी शानदार पारियों के साथ पंत ने साबित किया है कि वह एक विशेष प्रतिभावान खिलाड़ी हैं और अपने जवाबी हमले के दृष्टिकोण से मैच को किसी भी स्तर पर बदल सकते हैं।
हालांकि, वही पंत सफेद गेंद के प्रारूप (वनडे और टी20) में पूरी तरह से अलग खिलाड़ी की तरह दिखते हैं और यह काफी चौंकाने वाला है क्योंकि कई लोगों का मानना है कि उन्हें विस्फोटक स्ट्रोक लगाने के लिए खेल के छोटे प्रारूपों के लिए तैयार किया गया है। अगर हम टेस्ट क्रिकेट में बाएं हाथ के बल्लेबाज का रिकॉर्ड की तुलना सफेद गेंद के प्रारूप से करें, तो यह बिल्कुल अलग दिखता है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की हालिया वनडे और टी20 की श्रृंखला में विकेटकीपर-बल्लेबाज की आलोचना की गई थी। हालांकि, 24 वर्षीय बल्लेबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 111 गेंदों में 146 और दूसरी पारी में 86 गेंदों में 57 रन बनाकर इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में एक यादगार प्रदर्शन किया। पंत की इन यादगार पारियों ने एक बार फिर छोटे प्रारूपों में उनकी विफलता के बारे में बहस को जिंदा कर दिया है।
उत्तराखंड में जन्मे इस क्रिकेटर ने अब तक 31 टेस्ट में 43.3 औसत और 72.66 के स्ट्राइक रेट के साथ 2123 रन बनाए हैं। उनके शानदार टेस्ट करियर में पांच शतक और 10 अर्धशतक भी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके अधिकांश शतक दुनिया के विभिन्न हिस्सों - इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका में आए हैं, जिन्हें मेहमान बल्लेबाजों के लिए कठिन माना जाता है।
वनडे में उन्होंने 24 मैचों में 32.50 के औसत और 109.32 के स्ट्राइक रेट के साथ पांच अर्धशतक के साथ 715 रन बनाए हैं, जो उनके 50 ओवर के रिकॉर्ड को काफी ठीक बनाता है। लेकिन, टी20 में पंत ने 48 मैचों में केवल 741 रन बनाए हैं, जिसमें 23.15 की औसत और सबसे महत्वपूर्ण बात उनकी स्ट्राइक रेट केवल 123.91 है, जो कि फ्री-फ्लोइंग स्ट्रोक खेलने की उनकी क्षमता को देखते हुए काफी खराब है।
पंत ने अपने प्रशंसकों को लगभग समान रूप से प्रसन्न और निराश किया है, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में खुद को अच्छा साबित कर दिया है और चयनकर्ताओं के पास उन्हें भारत के लिए पहली पसंद के विकेटकीपर के रूप में चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। लेकिन सफेद गेंद वाले क्रिकेट में, वह निश्चित रूप से शंका के घेरे में हैं।
ईशान किशन, केएल राहुल, संजू सैमसन और दिनेश कार्तिक के रूप में विकेट कीपिंग के ढेरों विकल्पों के साथ, दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान को भारत के लिए आगामी सफेद गेंद की श्रृंखला में कुछ मैच जीतने वाली पारियां खेलनी होंगी, अन्यथा ऑस्ट्रेलिया में टी20 वल्र्ड कप में जगह बनाने के लिए यह उनके लिए कठिन होगा।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.