अब क्रिकेटर नहीं छुपा पाएंगे अपनी उम्र, बीबीसीआई कर रही इस खास सॉफ्टवेयर पर काम
अब फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक अब क्रिकेटर नहीं छुपा पाएंगे अपनी उम्र, बीबीसीआई कर रही इस खास सॉफ्टवेयर पर काम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अब कोई भी क्रिकेटर अपनी उम्र को लेकर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं कर पाएगा। क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम कर रहा है जो खिलाड़ी की सही उम्र का पता बता देगा। दरअसल, बीसीसीआई द्वारा अलग-अलग स्तर पर कई तरह के कैंप आयोजित किये जाते हैं। जिनमें कई खिलाड़ी फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर छोटी उम्र वाली टीम में शामिल हो जाते हैं।
गलत उम्र का लगेगा पता, समय और पैसे की होगी बचत
बीसीसीआई जिस सॉफ्टवेयर पर काम कर रहा है उसमें उम्र को लेकर किये गए फर्जीवाड़े का पता लग जाएगा। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ये सॉफ्टवेयर सही और गलत उम्र के बारे में तो बताएगा ही साथ ही इसमें पहले वाली तकनीक से कम खर्च आएगा। गौरतलब है कि, अभी बीसीसीआई उम्र का पता लगाने के लिए जिस "टीडब्ल्यूथ्री" तकनीक का यूज करती है उसमें 24 सौ रुपये तक का खर्च आता है। साथ ही समय भी अधिक लगता है। जबकि बोर्ड द्वारा अब जो सॉफ्टवेयर लाया जा रहा है उसमें प्रति टेस्ट मात्र 288 रुपये का खर्च आएगा। साथ ही यह रिजल्ट भी तुरंत देगा। इस तरह इससे जहां बीसीसीआई की मौजूदा बजट के हिसाब से 80 प्रतिशत तक की बचत होगी, वहीं समय की बर्बादी भी नहीं होगी।
बोर्ड के मुताबिक, अब तक राज्य क्रिकेट बोर्ड ही खिलाड़ियों की उम्र पता करने वाला टेस्ट करवाते हैं। यह टेस्ट बीसीसीआई के ऑबजर्वर्स की उपस्थिति में होता है। टेस्ट होने के बाद उसका सैंपल विशेषज्ञ के पास भेजा जाता है, इसके बाद उसका रिजल्ट आता है। इस प्रक्रिया में तीन से चार दिन का समय लगता है। चूंकि ये टेस्ट सभी राज्यों के क्रिकेट बोर्ड द्वारा कराया जाता है, ऐसे में सैंपल की संख्या ज्यादा हो जाने की वजह से किसी एक राज्य एसोसिएशन का रिजल्ट आने में ही कमसे कम एक महीने या उससे भी ज्यादा वक्त लग जाता है। क्योंकि जो रेडियोलॉजिस्ट इन सैंपलों का परीक्षण करते हैं उनकी संख्या सीमित है। पीटीआई के अनुसार, "बोन एक्सपर्ट" नाम के इस सॉफ्टवेयर पर बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन दोनों मिलकर काम कर रहे हैं।
बता दें कि क्रिकेट उम्र के फर्जीवाड़े का मामला पहली बार साल 2019 में आया था। जब जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर रसिख आलम को गलत जन्म प्रमाण पत्र जमा करने का दोषी पाया गया था। बीसीसीआई ने इस फर्जीवाड़े के लिए उन पर दो साल का बैन भी लगाया था। रसिख के अलावा अंडर-19 विश्वकप के स्टार खिलाड़ी मंजोत कालरा और अंकित बावने को भी उम्र छुपाने का दोषी पाया गया था।