आज ही के दिन मारा था मियांदाद ने वो ऐतिहासिक छक्का
आज ही के दिन मारा था मियांदाद ने वो ऐतिहासिक छक्का
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में श्रीलंका में खेले गए निधास ट्रॉफी के फाइनल मैच में बांग्लादेश के खिलाफ दिनेश कार्तिक ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। कार्तिक के इस छक्के ने वर्ल्ड क्रिेकेट को जावेद मियांदाद के उस सिक्सर की याद दिला दी थी, जो उन्होंने भारत के खिलाफ चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर मारा था। भारत और पाकिस्तान के बीच वो ऐतिहासिक मैच आज ही की तारीख यानी 18 अप्रैल 1986 को खेला गया था।
जब एशियाई टीमों ने ताकत दिखाई
ये एशियाई क्रिकेट का वो दौर था, जब भारत वर्ल्ड चैंपियन बन चुका था और पाकिस्तान भी अपनी ऑल टाइम ग्रेटेस्ट टीम के साथ खेलते हुए वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी धमक दिखा रहा था। इसी बीच साल 1986 में शारजाह में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, भारत और पाकिस्तान के बीच ऑस्ट्रेल-एशिया कप का आयोजन किया गया। भारत ने सेमीफाइनल में श्रीलंका को हराकर फाइनल में जगह बनाई, वहीं पाकिस्तान ने दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को बुरी तरह पराजित कर फाइनल की टिकट पक्की की थी।
मैदान में मैच नहीं जंग लड़ी गई थी
इस टूर्नामेंट के फाइनल में विश्व क्रिकेट की दो सबसे बड़ी दुश्मन टीमें पहुंची थी। ऐसे में इस मैच को लेकर दुनियाभर में रहने वाले भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेट प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह था। दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों के लिए भी ये बेहद तनाव भरा मैच बन रहा था। करीब 20 हजार दर्शकों के बीच आखिरकार ये मैच शुरु हुआ और भारत की तरफ से कृष्णामचारी श्रीकांत और सुनील गावस्कर पारी की शुरुआत करने पहुंचे। इमरान खान और वसीम अकरम अपनी तेज रफ्तार गेंदों से भी भारतीय ओपनर्स पर शिकंजा कसने में नाकाम रहे और भारत ने पहले विकेट के लिए 117 रन जोड़ लिए। भारत आराम से एक मजबूत स्थिति में पहुंच गया था कि तभी 75 रन के स्कोर पर श्रीकांत ने अब्दुल कादिर की गेंद पर अकरम को कैच थमा दिया। पाकिस्तानी गेंदबाजों के चेहरे पर पहले विकेट की खुशी ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी, क्योंकि तीसरे नंबर पर खेलने आए दिलीप वेंगसरकर ने गावस्कर के साथ मिलकर पाकिस्तानी आक्रमण को धोना जारी रखा। आखिरकार दिलीप वेंगसरकर 50 रन बनाने के बाद अकरम की गेंद पर बोल्ड हो गए। उस वक्त तक भारत 2 विकेट पर 216 रन बना चुका था, लेकिन बाद में आए सभी बल्लेबाजों को अकरम और इमरान ने टिकने नहीं दिया। जहां कीर्ति आजाद को शून्य के स्कोर पर अकरम ने बोल्ड किया तो वहीं कप्तान कपिल देव महज 8 रन बनाकर इमरान की गेंद पर बोल्ड हुए। चेतन शर्मा 10 रन बनाने के बाद रन आउट हो गए तो वहीं अकरम ने सिर्फ 1 रन बनाने वाले रवि शास्त्री के डंडे बिखेर दिए। इस बीच गावस्कर अपनी पारी को आगे बढ़ाते रहे और उन्होंने 92 रन की पारी खेली। अंतिम ओवर में गावस्कर को इमरान ने बोल्ड कर दिया और इसी के साथ 50 ओवर में भारत ने 7 विकेट खोकर 245 रन बना लिए थे।
वो मैच भारत बनाम मियांदाद हो गया
246 रन का टार्गेट हासिल करने उतरी पाकिस्तानी टीम की शुरुआत खराब रही। ओपनर मुदस्सर नजर 5 रन बनाने के बाद चेतन शर्मा की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। इसके बाद रमीज राजा को 10 रन के स्कोर पर मनिंदर सिंह ने बोल्ड कर दिया। इसके बाद मदनलाल ने 36 रनों की पारी खेलने वाले मोहसिन खान की भी गिल्लियां बिखेर दी। महज 61 रन के स्कोर पर पाकिस्तान ने 3 विकेट खो दिए थे और भारतीय गेंदबाजों ने एक तरह से पाक बल्लेबाजों को दबाव में ला दिया था। इसके बाद जावेद मियांदाद ने सलीम मलिक और अब्दुल कादिर के साथ छोटी-छोटी साझेदारियां करते हुए अपनी टीम का स्कोर आगे बढ़ाया। मलिक 21 रन बनाने के बाद रन आउट हुए वहीं कादिर को 34 रन के स्कोर पर कपिल ने अपनी ही गेंद पर कैच कर लिया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को एक के बाद एक पैवेलियन की राह दिखाई। कप्तान इमरान खान 7 रन बनाकर मदनलाल की गेंद पर बोल्ड हुए तो वहीं मंजूर इलाही को चेतन शर्मा ने शास्त्री के हाथों झिलवा दिया। वसीम अकरम 3 रन बनाकर रन आउट हो गए और उनके बाद बैटिंग करने आए जुल्कारनैन को चेतन शर्मा ने बोल्ड कर दिया।
शर्मा की वो आखिरी गेंद, जो इतिहास बन गई
मैच की आखिरी दो गेंदों पर पाकिस्तान को 5 रनों की जरूरत थी और भारत को सिर्फ एक विकेट और लेना था। जिस तरह से चेतन शर्मा ने पूरे मैच में गेंदबाजी की थी, उसे देखते हुए भारत की जीत पक्की लग रही थी। शर्मा के सामने 11वें नंबर के बल्लेबाज तौसीफ अहमद थे जो जिनके लिए दो गेंदों पर 5 रन बनाना मुश्किल था। शर्मा 50वें ओवर की पांचवी गेंद फेंकने दौड़े और उस गेंद पर तौसीफ ने भागकर एक रन ले लिया। अब ओवर की आखिरी गेंद पर पाकिस्तान को 4 रन चाहिए थे और स्ट्राइक पर थे जावेद मियांदाद, जो उस वक्त 110 रन बनाकर नाबाद थे। कप्तान कपिल देव और टीम के सीनियर खिलाड़ी अपने गेंदबाज चेतन शर्मा के पास पहुंचे और उन्होंने आपस में कुछ बात की। उधर स्ट्राइक पर खड़े मियांदाद ने विकेट के चारों तरफ देखते हुए फिल्डिंग का अच्छे से जायजा लिया और फिर तैयार हो गए। अपने जाने--पहचाने रनअप के साथ शर्मा मैच की आखिरी गेंद फेंकने के लिए बढ़े। उन्होंने मियांदाद को यॉर्कर बॉल फेंकने की पूरी कोशिश की जो गलती से फुलटॉस बन गई और मियांदाद ने बिना देर किए उस पर एक जोरदार प्रहार कर दिया। ये शॉट इतना तगड़ा था कि बल्ले से गेंद लगते ही मियांदाद खुशी से अपने दोनों ऊपर हवा में लहराते पैवेलियन की तरफ भाग पड़े। पाकिस्तानी खिलाड़ी और प्रशंसकों में जैसे खुशी की लहर दौड़ गई और कई सारे प्रशंसकों ने मियांदाद को घेर लिया। उधर भारतीय टीम सदमे में थी और उनके चाहने वालों के चेहरे लटक गए थे। सभी जानते थे कि इस छक्के की गूंज हमेशा भारतीय क्रिेकेट में गूंजती रहेगी।
मियांदाद और चेतन शर्मा एक-दूसरे की पहचान बन गए
इस मैच के बाद जावेद मियांदाद जहां पाकिस्तान के सबसे बड़े हीरो बन गए थे, वहीं चेतन शर्मा को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। भारतीय क्रिकेट फैन्स उनसे नाराज थे और मीडिया में भी उन्हें लेकर कोई सकारात्मक माहौल नहीं था। उस मैच की आखिरी गेंद से पहले शर्मा के आंकड़े खराब नहीं थे। उन्होंने 45 रन देकर 3 विकेट झटके थे, जिनमें ओपनर मुदस्सर नजर का विकेट भी था। उस आखिरी ओवर में भी शर्मा ने 2 खिलाड़ियों को आउट किया था, लेकिन बस आखिरी गेंद पर वो चूक गए थे। इस मैच के एक साल बाद भारत में हुए वर्ल्ड कप में चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐतिहासिक हैट्रिक ली थी, जब उन्होंने लगातार तीन गेंदों पर तीन बल्लेबाजों को बोल्ड कर दिया था। ये वर्ल्ड कप में किसी भी गेंदबाज द्वारा ली गई पहली हैट्रिक थी। ये बात और है कि चेतन शर्मा की सारी अच्छी परफॉर्मेंस को भूला दिया गया और याद रखा गया तो सिर्फ मियांदाद का वो छक्का।