इन पांच मामलों में इंग्लैंड टीम रही भारत से आगे, इसलिए बनी वर्ल्ड चैम्पियन
टी-20 वर्ल्ड कप 2022 इन पांच मामलों में इंग्लैंड टीम रही भारत से आगे, इसलिए बनी वर्ल्ड चैम्पियन
- भारतीय सलामी जोड़ी का पावरप्ले में स्ट्राइक रेट 100 से भी कम का रहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में इंग्लैंड और भारत दोनों ही टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन कई मामलों में भारतीय टीम इंग्लैंड से कम साबित हुई। यही कारण रहा कि भारतीय टीम सेमीफाइनल मुकाबले में हारकर बाहर हो गई और इंग्लैंड टीम ने पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड चैम्पियन का खिताब अपने नाम किया। आइए जानते हैं भारत और इंग्लैंड की टीमों के बीच पांच अहम अंतर-
सलामी बल्लेबाज
इस बड़े टूर्नामेंट में दोनों ही टीमों के बीच सबसे बड़े अंतर उनके सलामी बल्लेबाज साबित हुए। वैसे तो दोनों ही टीमों के सलामी बल्लेबाज ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं। लेकिन इस वर्ल्ड कप में भारतीय सलामी जोड़ी रोहित-राहुल का फॉर्म बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा। जहां इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज पूरे वर्ल्ड कप में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। वहीं भारतीय सलामी जोड़ी ने रन तो बनाए लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 100 से भी कम का रहा।
लंबा बल्लेबाजी क्रम
इंग्लैंड और भारत के बीच इस वर्ल्ड कप में दूसरा सबसे बड़ा अंतर उनका बल्लेबाजी क्रम साबित हुआ। इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की बल्लेबाजी क्रम को देखा जाए तो इंग्लैंड टीम के नंबर 1 पर आने वाले जोस बटलर से लेकर नंबर 11 पर आने वाले आदिल राशिद तक सभी खिलाड़ी बल्लेबाजी कर सकते हैं। वहीं अगर भारतीय टीम की बल्लेबाजी क्रम को देखा जाए तो नंबर 10 और 11 पर आने वाले भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड के लोअर ऑर्डर की तरह मजबूत नहीं थी।
गेंदबाजी ऑप्शन्स में बहुत बड़ा अंतर
इस वर्ल्ड कप भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा मुख्य अंतर गेंदबाजी ऑप्शन्स साबित हुए। दोनों ही टीमों के पास गेंदबाजी ऑप्शन्स में बहुत बड़ा अंतर था। जहां इंग्लैंड टीम के पास प्लेइंग 11 में गेंदबाजी के 7 ऑप्सन्स थे। वहीं भारतीय टीम कभी 6 तो कभी 5 ही गेंदबाजी ऑप्शन्स के साथ मैदान पर उतरी।
फियरलेस क्रिकेट
इंग्लैंड टीम ने साल 2015 वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद से अपने क्रिकेट खेलने का अंदाज ही बदल डाला। इस बड़े बदलाव ने कई बड़ी उपलब्धियां भी दिलाई। उन्होंने अपने मन से हार का डर निकाल फियरलेस क्रिकेट का फॉर्मुला अपनाया। इस फॉर्मुला ने उन्हें पिछले तीन सालों में दो बार वर्ल्ड चैम्पियन बनाया। इस वर्ल्ड कप में भी इंग्लैंड टीम ने फियरलेस क्रिकेट खेला जबकि भारतीय टीम में यह फियरलेस फॉर्मुला कभी दिखाई ही नहीं दिया।