BCCI ने रद्द की ओपनिंग सेरेमनी, शहीद जवानों के परिवार को दिए 20 करोड़ रुपए
BCCI ने रद्द की ओपनिंग सेरेमनी, शहीद जवानों के परिवार को दिए 20 करोड़ रुपए
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हो चुकी है। मैच शुरु होने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर्स कमिटी (CoA) ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिवारों को 20 करोड़ रुपए की राशि मदद के तौर पर दी है। BCCI ने कहा कि यह राशि आर्मी वेल्फेयर फंड में जमा की जाएगी। बता दें कि CoA के चेयरमैन विनोद राय ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद IPL उद्घाटन समारोह नहीं कराने का फैसला किया था।
BCCI की ओर से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि "भारतीय सेना को 11 करोड़ रुपए और CRPF जवानों को 7 करोड़ रुपए दिए गए। वहीं नौसेना और वायुसेना को 1-1 करोड़ रुपए दिए। CoA चेयरमैन विनोद राय ने कहा, "हमने ओपनिंग सेरेमनी नहीं की, इसमें लगने वाली राशि को किसी अच्छे काम के लिए देने का फैसला किया। मुझे लगता है कि भारतीय सेना और जवान सभी भारतीयों के दिल के करीब हैं।
CoA की दूसरी मेंबर डायना इडुल्जी ने कहा, "भारतीय सेना को सहायता राशि देने का कदम सराहनीय है। जिन जवानों ने अपने देश के लिए जान गंवाई है, उनके लिए हमारा सम्मान जायज है। BCCI हमेशा से राष्ट्र और इसके हितों के लिए तत्पर है।" इससे पहले BCCI के एक अधिकारी ने कहा कि "IPL उद्घाटन समारोह का बजट पहले 15 करोड़ का था, जिसे हमने बढ़ा कर 20 करोड़ कर दिया है। अब यह राशि आर्मी वेल्फेयर फंड और नेशनल डिफेंस फंड में जमा की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि IPL का पहला दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि उस दिन महेंद्र सिंह धोनी और भारतीय कप्तान विराट कोहली दोनों एक साथ मौजूद होंगे।"
बता दें कि पुलवामा में CRPF जवानों पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत ने पाक स्थित जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया था, जिसमें 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था। इस हमले के बाद पाकिस्तानी जेट F-16 ने भी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय पायलट अभिनंदन वर्थामन ने मार गिराया था। वह MIG-21 फाइटर जेट पर सवार थे। पाकिस्तानी जेट को गिराने के बाद अभिनंदन का प्लेन भी पाकिस्तान में गिर गया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। अभिनंदन को कब्जे में लेने के 60 घंटे बाद पाक ने उन्हें अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत को सौंप दिया था।