IND vs NZ Test Series: हमारे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास... न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज गवांने के बाद सामने आई पूर्व दिग्गज स्पिनर की प्रतीक्रिया
- न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज गवांने के बाद सामने आई भज्जी की प्रतीक्रिया
- कहा हमारे खिलाड़ियों में हो रही आत्मविश्वास की कमी
- टीम इंडिया के सोचने की प्रक्रिया पर भी उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में कीवी टीम ने पहले दो मुकाबलों में टीम इंडिया को मात देकर सीरीज में 0-2 से अजेय बढ़त हासिल कर ली है। सीरीज का पहला मुकाबला बेंगलुरु में खेला गया था, जिसमें कीवीयों ने 8 विकेट से मैच को अपने नाम कर लिया था। वहीं, दूसरा मुकाबला पुणे में आयोजित हुआ था। इस मैच में न्यूजीलैंड ने 113 रनों से जीत दर्ज कर सीरीज पर अपना कब्जा जमा लिया। बता दें, टीम इंडिया 12 सालों बाद कोई टेस्ट मैच अपने घरेलू मैदान पर हारी है। इस हार के बाद एक-एक कर के कई लोगों की प्रतीक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब पूर्व भारतीय स्पिनर और कमेंटेटर हरभजन सिंह ने भी टीम इंडिया की हार पर टिप्पणी की है। साथ ही उन्होंने न्यूजीलैंड की तारीफ भी की है।
न्यूज एजेंसे पीटीआई से बात करते हुए भज्जी ने कहा, "आपका घरेलू मैदान पर इतने लंबे समय तक शानदार रिकॉर्ड रहा है। और अगर आप हार जाते हैं तो जाहिर है कि चर्चा होगी। न्यूजीलैंड जिस तरह से खेला, उसे उसका श्रेय जाता है। और ये विदेशी परिस्थितियां थीं और ऐसी पिच भी नहीं थी जिसमें ज्यादा दरार हो।" उन्होंने आगे कहा, "यह स्पिनरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां थीं, जहां गेंद को पहले घंटे से ही टर्न लेना चाहिए था।"
भारतीय टीम की सोचने की प्रक्रिया पर उठाए सवाल
भज्जी ने बातचीत के दौरान टीम इंडिया की सोच पर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा, "पिछले दशकों के दौरान के चलन को देखें। हम पिछले दशक में ज्यादातर टर्नर पर इस उम्मीद के साथ खेल रहे हैं कि हम टॉस जीतेंगे और 300 रन बनाएंगे और मैच पर नियंत्रत करेंगे। लेकिन हम नहीं जानते कि पासा उलटा पड़ जायेगा और टर्निंग पिच पर हमारे बल्लेबाजी चलेगी या नहीं।"
"हमारे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी होती जा रही है"- भज्जी
हरभजन ने अपनी बातों में यह भी जोड़ा कि हमारे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी होती जा रही है। उन्होंने अजिंक्य रहाणे का उदाहरण देते हुए कहा, "हमारे बल्लेबाजों ने इन पिचों पर खेलते हुए आत्मविश्वास खो दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अजिंक्य रहाणे हैं जो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। इस तरह की पिचों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ।"