क्रिकेट जगत को बड़ा झटका: नहीं रहे डीएलएस मेथड के सह-संस्थापक फ्रैंक डकवर्थ, 84 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

  • डीएल मेथड के सह-संस्थापक फ्रैंक डकवर्थ का निधन
  • 84 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
  • क्रिकेट जगत में शोक की लहर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-26 18:50 GMT

डीएडिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रिकेट जगत को एक बड़ झटका लगा है। इंगलैंड के संख्यिकीवीद और डकवर्थ लुईस नियम के सह-संस्थापक फ्रैंक डकवर्थ का 21 जून को 84 वर्ष की साल में निधन हो गया। डकवर्थ 2014 तक आईसीसी में सलाहकार स्टेटिशियन के रूप में कार्यरत थे। क्रिकेट में डकवर्थ लुईस नियम का प्रयोग बारिश से बधित मैच का नतीजा निकालने में किया जाता है। इस नियम को न केवल इंटरनेशनल क्रिकेट बल्कि टी-20 लीग्स में भी इस्तेमाल किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, इस नियम के दुसरे सह-संस्थापक टोनी लुईस थे। टोनी लुईस का साल 2020 में 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। 

साल 2001 में आईसीसी ने किया एडॉप्ट

सालों तक बारिश से बाधित मैचों का परिणाम निकालने के लिए क्रिकेट जगत में विवाद होता रहा। इसके बाद फ्रैंक डकवर्थ और उनके साथी टोनी लुईस ने 1997 में दुनिया के सामने इस विवाद को सुलझाने के लिए डकवर्थ लुईस नियम को पेश किया था।आईसीसी ने इस नियम को 2001 में एडॉप्ट किया था। शुरुआत में जब इस नियम को प्रयोग में लाया गया तो यह विवादों से घिर गया था। लेकिन, बाद में इन दोनों के साथ स्टीव स्टर्न जुड़े और इस मेथड में काफी अहम बदलाव किए गए थे।

दरअसल, 2014 से पहले इस नियम को सिर्फ डकवर्थ लुईस के नाम से ही जाना जाता था, लेकिन साल 2014 में दोनों अंग्रेजी स्टेटिशियन के साथ ऑस्ट्रेलिया के स्टेटिशियन स्टीवन स्टर्न जुड़े और इस नियम में काई बदलाव किए। जिसके बाद से ही इस नियम में उनका नाम भी जुड़ा और आज दुनिया इस नियम को डकवर्थ लुईस स्टर्न (डीएलएस) नियम से जानती है। क्रिकेट के इतिहास में इस नियम की जरूरत शायद साल 1992 के विश्व कप में साउथ अफ्रिका बनाम इंग्लैंड सेमिफाइनल मैच में ज्यादा महसूस हुई होगी, जब महज एक गेंद में 22 रन बनाने का फरमान सुनाया गया था।

आईसीसी ने कही ये बात 

आपको बता दें, फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस को जून 2010 में एमबीई ( ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) अवॉर्ड से नवाजा गया था। आईसीसी के महाप्रबंधक वसीम खान ने फ्रैंक डकवर्थ के निधन पर कहा,"फ्रैंक एक टॉप स्टेटिशियन थे, जिनका सम्मान उनके साथियों के साथ-साथ क्रिकेट बिरादरी से भी किया जाता रहा है। उनके बनाए गए डीएलएस मेथड समय की कसौटी पर खरा उतरा और हमने इसे शुरुआत के दो दशकों से भी अधिक समय बाद तक अतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसका उपयोग जारी रखा गया है।" उन्होंने आगे कहा,"फ्रैंक का क्रिकेट के इतिहास में बहुत बड़ा योगदान है और उनके निधन से क्रिकेट जगत को बहुत बड़ा झटका लगा है। हम उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।"

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