पेरिस ओलंपिक 2024: मदद करना दूर, मान्यता भी नहीं दी.....अफगानी महिला एथलीटों के साथ तालिबान की घिनौनी हरकत

  • तालिबान के निशाने पर ओलंपिक खिलाड़ी
  • तीन महिला एथलीटों को नहीं दी ओलंपिक की मान्यता
  • अफगानिस्तान से कुल 6 एथलीट ओलंपिक में ले रहे हिस्सा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 12:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 15 अगस्त...इस तारीख को जहां भारत को आजादी मिली थी, वहीं अफगानिस्तान एक बार फिर आतंकी संगठन तालिबान की गुलामी की जंजीरों में जकड़ गया था। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से सबसे ज्यादा प्रताड़ित वहां की महिलाएं हैं।

वहां पिछले तीन साल से महिलाओं पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। ताजा मामला उन महिला एथलीटों का है जो पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग ले रहीं थीं। बता दें कि अफगानिस्तान की ओर से 26 जुलाई से शुरू हो रहे खेल के महाकुंभ में कुल 6 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। जिनमें 3 पुरुष और 3 महिला एथलीट शामिल हैं।

तालिबान का मान्यता देने से इनकार

तालिबान सरकार ने देश की ओर से ओलंपिक में भाग ले रहीं तीन महिला एथलीटों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। महिला पहलवानों पर लगे इस प्रतिबंध की वजह भी ऐसी है जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे।

अफगानिस्तान के खेल विभाग ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर कहा, 'ओलंपिक में अफगानिस्तान के केवल 3 एथलीट भाग ले रहे होंगे। फिलहाल अफगानिस्तान में महिलाओं के खेलों में हिस्सा लेने पर पाबंदी है। जब लड़कियां खेल ही नहीं पा रहीं तो उन्हें नेशनल टीम में प्रवेश कैसे मिल सकता है। हम ओलंपिक्स में भाग ले रहे केवल 3 पुरुष एथलीट्स की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं, जिनकी ट्रेनिंग और स्कॉलरशिप का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।'

बता दें कि अफगानिस्तान में एथलीट्स के लिए हालात ठीक नहीं हैं। खासकर महिला एथलीटों की हालत तो बहुत बदतर कंडीशन में है। वो 6 एथलीट जो पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले हैं, उनमें से तीनों महिलाएं और 2 पुरुष एथलीट तो अफगानिस्तान से बाहर रह रहे हैं। केवल एक एथलीट ही अफगानिस्तान में रह रहा है। वह जूडो का एथलीट है। बाकी 2 पुरुष एथलेटिक्स और स्विमिंग में भाग लेंगे। वहीं तीन महिला खिलाड़ी एथलेटिक्स और साइकलिंग में हिस्सा लेंगी। 

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